…..अब हल्द्वानी के पार्कों में गूंज रही है एआई की चर्चा: अप्रैल माह का दो दिवसीय एआई मीटअप सफलतापूर्वक संपन्न


….अब हल्द्वानी के पार्कों में गूंज रही है एआई की चर्चा: अप्रैल माह का दो दिवसीय एआई मीटअप सफलतापूर्वक संपन्न
हल्द्वानी। तकनीकी जागरूकता की ओर कदम बढ़ाते हुए, विजएआई रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आयोजित साप्ताहिक एआई जागरूकता अभियान के तहत शुक्रवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क, डमुवाडुंगा (पंचक्की के पास) में एक और सफल मीटअप आयोजित किया गया।
पिछले कुछ हफ्तों से हल्द्वानी में एआई को लेकर चल रहे आयोजनों ने अब स्पष्ट रूप से स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता और रुचि दोनों में वृद्धि कर दी है।
कार्यक्रम की शुरुआत विजएआई रोबोटिक्स की उपाध्यक्ष डॉ. आयुषी मठपाल ने की। उन्होंने कहा:
“कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) अब केवल एक विषय नहीं रहा, यह एक सुपरपावर बन चुका है।”
डॉ. मठपाल ने एआई के गॉडफादर जेफ्री हिंटन के हालिया चेतावनी का हवाला देते हुए बताया:
“कॉलेज में कंप्यूटर साइंस पर आँख मूंदकर भरोसा न करें, क्योंकि एआई अब इंसानों से बेहतर कोड लिखने लगा है।”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा:
“कंप्यूटर साइंस आज भी मायने रखता है, लेकिन पारंपरिक तरीके से नहीं। अब हमें केवल कोडिंग नहीं, सोचने का तरीका बदलना होगा।”
डॉ. मठपाल ने एक दिलचस्प उदाहरण भी साझा किया—दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा के पास 50 से अधिक सर्टिफिकेट, 10 मेडल और 10 ट्रॉफियां होने के बावजूद, उसे इंटर्नशिप नहीं मिली क्योंकि आज कंपनियाँ केवल डिग्रियों से नहीं, कौशल से प्रभावित होती हैं।
“आज का युग डिग्रियों का नहीं, स्किल्स का है। अगर आज के विद्यार्थी एआई टूल्स, डेटा विश्लेषण और समस्या समाधान की क्षमताएँ नहीं सीखेंगे, तो केवल अंक और सर्टिफिकेट उनके सीवी में वजन नहीं ला पाएंगे।”
वक्ताओं ने स्किल्स की प्राथमिकता पर डाला प्रकाश
कार्यक्रम में खजन महतोलिया, पल्लवी पांडे और अखिलेश भट्ट जैसे वक्ताओं ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि
“डिग्री अब केवल एक कागज का टुकड़ा बन चुकी है। असली सफलता कौशल में है।”
सभी वक्ताओं ने युवाओं को प्रेरित किया कि वे टेक्नोलॉजी को अपनाएं और लगातार स्वयं को अद्यतन करते रहें।
डॉ. अरविंद जोशी ने समापन में दिया महत्वपूर्ण संदेश
कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ डेटा वैज्ञानिक डॉ. अरविंद जोशी ने किया। डॉ. जोशी ने सभी उपस्थित विद्यार्थियों, अभिभावकों और नागरिकों का आभार व्यक्त किया और बताया कि कौशल आधारित शिक्षा ही भविष्य का आधार है और कहा:
“आज हमारे चारों ओर बीटेक और एमटेक पास युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। सिविल सेवा परीक्षा में 8 लाख उम्मीदवार सिर्फ 1100 पदों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। ऐसे में अगर हम कौशल पर ध्यान नहीं देंगे, तो भविष्य कठिन होगा।”
डॉ. जोशी ने आगे कहा कि हमारा उद्देश्य हल्द्वानी और पूरे उत्तराखंड को तकनीकी रूप से मजबूत बनाना है, और यह तभी संभव है जब हम एआई से जुड़े कौशल को अपनाएंगे। उन्होंने वादा किया कि आने वाले मीटअप्स में
“मशीन लर्निंग, पाइथन और स्थानीय संसाधनों के माध्यम से एआई में करियर बनाने के विषयों पर भी चर्चा की जाएगी।”
संपर्क और पंजीकरण
व्हाट्सऐप नंबर: 9682395400
एआई मिलन का नारा:
📢 “जानिए, सीखिए और नवाचार कीजिए। भविष्य को आकार दीजिए। आइए, उत्तराखंड को एआई का प्रमुख केंद्र बनाएं।”
आगामी कार्यक्रम:
25 अप्रैल (शुक्रवार): डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क, डमुवाडुंगा — शाम 5:30 बजे से प्रारंभ
26 अप्रैल (शनिवार): डॉ. डी.डी. पंत पार्क, एमबीपीजी महाविद्यालय के मुख्य द्वार के सामने — दोपहर 3:00 बजे से प्रारंभ
विजएआई रोबोटिक्स द्वारा संचालित यह पहल केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हल्द्वानी को कृत्रिम बुद्धिमत्ता का केन्द्र बनाने की दिशा में एक जनांदोलन बनता जा रहा है।


