गदरपुर की राजनीति में नई उठापटक : फ्लेक्सी में लगे विधायक पाण्डे के फोटो फाड़े

गदरपुर की राजनीति में नई उठापटक : फ्लेक्सी में लगे विधायक पाण्डे के फोटो फाड़े
अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रत्याशी मनोज गुम्बर की छवि को धूमिल करने का प्रयास
सागर गाबा, रिपोर्टर
गदरपुर। भारतीय राजनीति में किसी भी पार्टी के अंदर गुटबाजी और आपसी खींचतान आम बात होती है, लेकिन जब यह गुटबाजी जनता के सामने दिखने लगे, तो यह पार्टी के लिए चिंता का विषय बन जाती है। हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के भीतर आपसी खुंदक और गुटबाजी ने एक नई दिशा ले ली है, जो पार्टी के लिए नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है अरविंद पांडेय, जो कि एक लोकप्रिय विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री रहे हैं, बीजेपी में एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं। उनकी छवि और जनसमर्थन को नकारा नहीं किया जा सकता, हालांकि वर्तमान में पार्टी के अंदर चल रही गुटबाजी और उनके प्रति उपेक्षा ने उनकी छवि को प्रभावित किया है। निकाय चुनावों में बीजेपी के प्रत्याशी मनोज गुम्बर का समाज में वर्चस्व है, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या इस गुटबाजी को आगे बढ़ाना पार्टी के लिए सही होगा?
वहीं नगर के प्रचार वाहनों से पांडेय की तस्वीरों को काटकर हटाना, जो कि किसी न किसी स्तर पर उनके समर्थन और प्रभाव को दर्शाता है, यह खुद बीजेपी के भीतर असंतोष को बढ़ावा देने वाला कदम साबित हो सकता है। इस प्रकार की नकारात्मक गतिविधियों से पार्टी की एकता पर प्रश्नचिन्ह लग सकते हैं और इसका नकारात्मक असर चुनाव परिणामों पर भी पड़ सकता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या बीजेपी को अरविंद पांडेय जैसे वरिष्ठ नेता की उपेक्षा करना उचित है, जिनका राजनीतिक इतिहास और जनसमर्थन पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रहा है। गुटबाजी से पार्टी की छवि में आ रही दरारें और इसके भीतर हो रहे असंतोष को जल्द ही सुलझाया जाना चाहिए, ताकि आगामी चुनावों में पार्टी एकजुट होकर जनता के बीच अपनी सकारात्मक छवि पेश कर सके।
राजनीतिक दलों को हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी नेता की व्यक्तिगत या गुटबाजी से पार्टी का नुकसान होता है। अगर बीजेपी अपनी आंतरिक एकता बनाए रखती है और सभी नेताओं को समान सम्मान देती है, तो ही पार्टी चुनावों में सफलता प्राप्त कर सकती है।

