आख़िर हरा दिया कैंसर को…
आख़िर हरा दिया कैंसर को.…
हम साइंस के सहारे इतने आगे बढ़ चुके हैं लेकिन कैंसर का नाम सुनते ही एक डर सा बैठ जाता है मन में कि कैंसर मतलब जिंदगी खत्म…ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू जो कह रहे हैं वो उम्मीद जगाने वाला है।
सिद्धू पाजी कहते हैं कि उनकी पत्नी को फोर्थ स्टेज कैंसर था और करीब-करीब सभी डॉक्टर्स ने मना कर दिया था। इससे वो पूरी तरह से टूट गए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी दरअसल वो अपने पत्नी को खोना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने सिर्फ डाइट को फॉलो किया और अपनी पत्नी को मौत के मुंह से खींच लाए। डाइट में रसोई की ही चीजों का इस्तेमाल किया। इनमें कच्ची हल्दी, नीम की पत्तियाँ, नींबू सेब का सिरका शामिल थे।
सिद्धू कहते हैं कि अगर “कैंसर में खाने के समय में गैप दें, शुगर न होने दें, कार्बोहाइट न बढ़ने दें, तो कैंसर के सेल्स खुद ब खुद मरने लगते हैं। शाम होने से पहले 6 बजे तक खाना खाया और अगले दिन अपने दिन की शुरूआत 10 बजे नींबू पानी से करें. इसके आधे घंटे बाद 10 से 12 नींम के पत्ते दें.”
इस डाइट और लाइफस्टाइल को पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के साथ साथ नवजोत सिंह सिद्धू ने भी अपनाया। जिससे उनके फैटी लीवर की समस्या ख़त्म हो गई और साथ ही उन्होंने अपने 25 किलो वजन भी कम कर लिया।
इससे साफ पता चलता है कि कैंसर में डाइट एक अहम हिस्सा है। अब इस पर खूब बहस होनी चाहिए रिसर्च होनी चाहिए और अगर ये सही है तो इसे बाक़ी मरीजों पर भी अपनाना चाहिए।
सिद्धू पाजी के चौथी स्टेज के कैंसर से अपनी पत्नी को बचाने में डाइट के साथ-साथ उनका प्रेम भी शामिल है।