राजस्व ग्राम की बाट जोह रहे बिंदुखत्ता वासिंदों के सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ते कदम

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दया जोशी/बसंत पांडे
लालकुआं। दशकों के संघर्ष के बाद अब बिंदुखत्ता के हजारों परिवार स्वर्णिम भविष्य के द्वार तक पहुंच ही गए हैं। पीढ़ियों पहले से वन भूमि पर बसे बिंदुखत्ता के लोग इसे राजस्व गांव बनाने की मांग करते रहे हैं जिस पर वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत जिला स्तरीय वनाधिकार समिति द्वारा अपनी बैठक में सर्वसम्मति देने के बाद समिति के पदेन अध्यक्ष जिलाधिकारी नैनीताल ने प्रदेश शासन को पत्रावली आगे की कार्यवाही हेतु देहरादून भेज दी है। जहां से इसे राजस्व परिषद द्वारा राज्यपाल को अधिसूचना जारी करने हेतु भेजा जाएगा।


ज्ञातव्य है कि लगभग 3470 हैक्टेयर वन भूमि पर बसे बिंदुखत्ता की 2011 में हुई जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 56,130 है और यहां के कुल मतदाताओं की संख्या 34046 होने से यह क्षेत्र अभी तक सभी राजनीतिक दलों के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी ही बनकर रह गया था लेकिन अब वन अधिकार अधिनियम के तहत गठित ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति की पेशबंदी से प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी इस क्षेत्र को राजस्व गांव बनाने की घोषणा की है। इसी आधार पर जिलाधिकारी नैनीताल ने पत्रावली 19 जून को राज्य शासन को भेज दी है।
यह पहला मौका है जब बिंदुखत्ता की दशकों पुरानी मांग पर विधिवत कार्यवाही हुई है। इससे लोगों काफी हर्ष का माहौल बना हुआ है।
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने गत दिवस प्रभागीय वनाधिकारी, उपजिलाधिकारी हल्द्वानी, सहायक समाज कल्याण अधिकारी व अन्य सरकारी अमले की उपस्थिति में वन अधिकार समिति बिंदुखत्ता के सदस्यों से करीब दो घंटे तक विस्तृत चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए कहा कि शासन स्तर पर पत्रावली पर आशानुरूप परिणाम प्राप्त करने के लिए यदि कोई पूरक प्रस्ताव प्रदेश शासन को भेजने की जरूरत होगी तो एक सप्ताह में ग्राम स्तरीय, खंड तथा जिला स्तरीय वनाधिकार समिति की संयुक्त बैठक आयोजित कर वह भी किया जाएगा।
उन्होंने उप जिला अधिकारी को निर्देशित किया कि बिंदुखत्ता के ग्रामीणों का परिवार रजिस्टर बनाने के लिए तीन-चार टीमें गठित करके घर-घर जाकर पारिवारिक डाटा एकत्र किया जाए। इसके साथ ही प्रभागीय वनाधिकारी पूर्वी तराई वन प्रभाग को बिंदुखत्तावासियों को निजी उपयोग हेतु गौला नदी में रेता-बजरी के परमिट जारी करने के भी निर्देश दिए।
विदित रहे कि पिछले अनेक दशकों से बिंदुखत्तावासी राजस्व गांव की मांग को लेकर आंदोलित रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। केंद्र सरकार द्वारा 2006 में बनाए गए वन अधिकार अधिनियम के तहत बिंदुखत्तावासियों ने क्षेत्रीय विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट के सक्रिय सहयोग से राजस्व गांव की पत्रावली तैयार कर दावा पुराने सरकारी दस्तावेजों सहित उपखंड स्तरीय वनाधिकार समिति के समक्ष पिछले साल जुलाई में पेश किया था। जिसने लंबे समय तक कागजातों की जांच कर पत्रावली नियमानुसार जिला स्तरीय वनाधिकार समिति को भेज दी थी।
विगत मार्च माह में जिला स्तरीय वनाधिकार समिति ने बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने पर सहमति जताते हुए अपनी मोहर लगा दी थी।
इसी बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अपनी घोषणा में बिंदुखत्ता को वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत राजस्व गांव बनाने की घोषणा कर दी।
अंतत: उक्त पत्रावली में जिलाधिकारी नैनीताल द्वारा सकारात्मक कार्यवाही कर 19 जून को प्रकरण शासन को भेज दिया है। जिस पर यहां सभी लोगों ने जिलाधिकारी का आभार जताया।
इधर क्षेत्रीय विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि जिलाधिकारी द्वारा प्रेषित पत्रावली पर जल्द ही शासन स्तर पर बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनने की प्रक्रिया शुरू करवाई जाएगी।
वन अधिकार समिति के संरक्षक श्याम सिंह रावत ने कहा कि बिंदुखत्ता के लिए खुशी का दिन है। यह ऐतिहासिक रूप से यह पहला मौका है जब पूरे देश में इतने बड़े भूभाग को राजस्व गांव का दर्जा मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि हमारे जनप्रतिनिधि उक्त कार्य के लिए लगातार संघर्षरत रहे हैं जिसका हमें यह सुखद परिणाम मिला है।
वन अधिकार समिति के अध्यक्ष अर्जुन नाथ गोस्वामी ने सभी अधिकारी व जनप्रतिनिधि तथा ग्राम वन अधिकार समिति के पदाधिकारी बिंदुखत्तावासियों का आभार जताते हुए कहा कि बिंदुखत्तावासियो ने वन अधिकार अधिनियम की कार्यवाही पर समिति का सहयोग दिया जिससे यह सब संभव हो पाया है।
चर्चा के दौरान भूतपूर्व सैनिक संगठन के सदस्यों ने जिलाधिकारी को बिंदुखत्ता में स्वास्थ्य सुविधा दुरुस्त करने सहित कई बिंदुओं का मांग-पत्र दिया जिस पर जिलाधिकारी ने कार्यवाही का भरोसा दिया है।
इस अवसर पर वन अधिकार समिति के संरक्षक श्याम सिंह रावत, कैप्टन चंचल सिंह कोरंगा, बसंत वल्लभ पांडे, कुंदन सिंह चुफाल, सचिव भुवन चंद भट्ट, उमेश चंद्र भट्ट , रणजीत सिंह गढ़िया, बलवंत सिंह, देवेंद्र सिंह, नंदन बोरा , पंकज कोश्यारी व भाजपा मंडल अध्यक्ष जगदीश पंत कई पदाधिकारी शामिल थे।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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