उत्तराखण्ड(उत्तरकाशी/भटवाड़ी): युवा यजबेंद्र रावत ने की नया सूर्य ट्रैक बुग्याल की खोज, पर्यटन व्यवसाय को लगे पंख, दयारा बुग्याल की तर्ज पर होगा है सूर्य बुग्याल ट्रैक

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उत्तराखण्ड(उत्तरकाशी/भटवाड़ी): युवा यजबेंद्र रावत ने की नया सूर्य ट्रैक बुग्याल की खोज, पर्यटन व्यवसाय को लगे पंख, दयारा बुग्याल की तर्ज पर होगा है सूर्य बुग्याल ट्रैक

भटवाड़ी/उत्तरकाशी। विश्व प्रसिद्ध दयारा बुग्याल की तर्ज पर स्थानीय युवक ने नये ट्रैक सूर्य बुग्याल खोजा है। टवाडी़ ब्लॉक के अन्तर्गत बार्सू गांव के युवा यजबेन्द्र रावत ने सूर्य टॉप बुग्याल की खोज कर स्वरोजगार का नया पंख लगाया है। इस नये ट्रैक को पर्यटक भी खूब पसंद कर रहे हैं । नये ट्रैक सूर्य बुग्याल की बार्सू गांव दूरी लगभग 7 से 8 किलोमीटर है।

गौरतलब है कि हिमालयी बुग्याल (अल्पाइन घास के मैदान) प्रकृति प्रेमियों का रोमांच चाहने वालों और भीड़ से बचने के लिए तरसने वालों के लिए एकदम सही जगह हैं। जीवंत वनस्पतियों और जीवों से भरे ये शांत परिदृश्य अछूते सौंदर्य, स्थानीय संस्कृति और टिकाऊ पर्यटन का एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं।

जनपद उत्तरकाशी के पर्यटक स्थल दयारा बुग्याल, डोडीताल,कुशकल्याण ,हरूंता बुग्याल,गिडारा बुग्याल,क्यारकोटी बुग्याल, अवाना बुग्याल, ब्रह्मिताल, सात ताल जैसे प्राकृतिक स्थलों ने अपने लुभावने दृश्यों और समृद्ध जैव विविधता के साथ यात्रियों को लंबे समय से आकर्षित किया है। हर पर्यटन स्थल का अपना अनूठा आकर्षण होता है जो पर्यटन प्रेमियों को अनायास ही अपनी तरफ खींचा करता है और सूर्यटॉप ट्रेक, उनमें से एक ऐसा ही प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जगह हैं जो बार्सू गाँव से शुरू होता है।

सूर्यटॉप ट्रेक आपको 3,900 मीटर की ऊँचाई पर ले जाता है, जहाँ पहुंचकर आप ठंडी-ठंडी हवा के साथ साथ असाधारण प्राकृतिक नज़ारों के साक्षी बनते हैं। यह ट्रेक बर्फ से ढकी चोटियों, अल्पाइन घास के मैदानों और घने जंगलों का एक मनमोहक नज़ारा पेश करता है। यह साहसी ट्रेकर्स के लिए एक आदर्श गंतव्य होने के साथ आपकी शारीरिक फिटनेस को भी आज़माता है।

जब आप हिमालय क्षेत्रों में ट्रेक पर जाते हैं तो रास्ते में स्थानीय आतिथ्य का अनुभव करेंगे, पारंपरिक गढ़वाली व्यंजनों का स्वाद चखेंगे और क्षेत्र की अनूठी सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानेंगे। स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने से- विशेष रूप से सूर्याटॉप जैसे ट्रेक के माध्यम से – लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के उन्नयन पर सकारात्मक प्रभाव होना ही है। जैसे-जैसे पर्यटन बढ़ता है, स्थानीय अर्थव्यवस्थाएँ रोजगार सृजन और आय में वृद्धि के माध्यम से लाभान्वित होती हैं। इससे बेहतर बुनियादी ढाँचा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक बेहतर पहुँच और स्थानीय युवाओं के लिए अवसर मिल सकते हैं, जिससे शहरों की ओर पलायन कम हो सकता है।

संतुलित और संयमित पर्यटन (सस्टेनेबल)पर्यटन प्राकृतिक संसाधनों और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण को भी बढ़ावा देता है और इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि यह क्षेत्र आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्ध हो।
सूर्याटॉप और उत्तरकाशी के अन्य छिपे हुए अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्य को अनुभव करें और देखें कि कैसे पर्यटन हिमालय की प्राचीन सुंदरता को संरक्षित करते हुए स्थानीय समुदायों को सकारात्मक रूप से बदल सकता है।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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