शिवनगर में हो-हल्ला क्यों?…शिवनगरी उत्तरकाशी में प्रदर्शनकारियों को रोकती पुलिस

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उत्तरकाशी लाठीचार्ज, पत्थरबाजी, प्रशासन ने क्या की गलती

शिवनगर में हो-हल्ला क्यों
शिवनगरी उत्तरकाशी में प्रदर्शनकारियों को रोकती पुलिस।

गंगा वयमुना घाटी के बाजार बंद, टूटे हुए लोग, सड़कों पर पुलिस का सख्त पहरा

“अपने हाथों में हमने फूल थामे, नन्हें हाथों के पत्थर हमारी तलाश में थे”

सी.पी बहुगुणा, वरिष्ठ पत्रकार

(उत्तराखण्ड)उत्तरकाशी। मोक्षदायिनी गंगा के तट पर बसी धार्मिक आस्था और विश्वास का प्रतीक शिवनगरी उत्तरकाशी के ध्यानमग्ननाथ विश्वनाथ की धरती पर जो कुछ हुआ वह शुभ संकेत नहीं है। गोमुख से कन्याकुमारी तक प्रवाहित गंगा की पवित्र धारा के साथ विचारों की धारा भी प्रभावित होती है।

अब घटना की बात करें तो घटना प्रशासन के उस अधिकारी की सूचना अधिकार में दिए गए उत्तर से शुरू हुई है, सूचना अधिकारी ने हिंदू धर्मावलंबियों को बताया कि वरुणावत पर्वत पर स्थित गोफियारा में मस्जिद का निर्माण फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुआ है। जमीन किसी और की थी और उस पर मस्जिद का नाम दर्ज करवाया गया था। यह दी गयी जानकारी. जाहिर सी बात है कि हिंदू धर्मावलंबियों ने मस्जिद का विरोध किया। विरोध को देखते हुए नामांकन डॉ. मेहरबान सिंह ने मामले की जांच के लिए यसडीयम भटवाड़ी को मामले की जांच सौंपी। जांच में दस्तावेज़ ने स्पष्ट किया कि जमीन वैध है। 19 मुस्लिम समुदाय ने मस्जिद से जुड़े सभी दस्तावेजों की रजिस्ट्री, खाता-खतौनी, सुन्नी वक्फ बोर्ड के एसोसिएटेड दस्तावेजों सहित अन्य कागजी दस्तावेजों को तैयार किया। कुल 4 नाली 15 छोटी जमीन मस्जिद मुस्लिम समाज के कुछ लोगों के नाम दर्ज हैं। मेमोरियल की रिपोर्ट के बाद प्रेस मॉनिटर ने कहा कि मस्जिद की जमीन वैध है। अब सवाल यह उठाओ कि कितना वैध है और कितना पकड़ा गया है इसकी प्रशासन जांच करो। हिंदू धर्मावलंबियों की यह मांग भी है कि जब मामला उठाया जाए तो इस साल समुद्र कर दिया जाए।

उत्तरकाशी बाजार बंद, विश्वनाथ चौक पर चौकसी करती पुलिस।
प्रशासन का काम जनसमस्याओं का समाधान और सरकार की मंजूरी का अधिकार भी है। यहां प्रशासन को चाहिए था कि मांग के मुताबिक जमीन की नप-छाप कर यदि अवैध जमीन है तो उस पर कार्रवाई जैसी कार्रवाई होती है, लेकिन इसके बजाय इस बात को और अधिक प्रचारित किया जाता है कि हिंदू संगठन गलत मांग कर रहे हैं। इधर हिंदू संगठन रैली को लेकर सक्रिय हो गए। एक सप्ताह पहले इसका अल्टीमेट भी दिया गया। इस प्रशासन में हिंदू धर्मावलम्बियों और वृद्ध लोगों के साथ मिलकर समुदायों की बैठक कर समस्या का समाधान किया जाना चाहिए था लेकिन इसके बजाय रैली पर ध्यान केंद्रित किया गया। कांग्रेस और मुस्लिम समुदाय ने मांग की कि रैली पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। बात समाधान की नहीं हुई बल्कि प्रशासन भी रैली पर केंद्रित हो गया। पहले प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी लेकिन रविवार की शाम एक रूट प्लान तय कर प्रशासन ने मंजूरी दे दी। सम्मिलन की रैली की शुरुआत सुबह से ही हो गई थी, यहां बातचीत का रास्ता फिर से खुल गया था लेकिन बातचीत के बजाय बल बढ़ाने का काम किया गया।

सुबह से ही हनुमान चौक पर रैली को माहौल तैयार किया जा रहा था और भीड़ भी उमड़नी शुरू हो गई। पार्टी ने स्वयं ही बाजार बंद कर दिया और रैली में शामिल हो गई। यहां से दोपहर 12 बजे की रैली। हाथों में भगवा लहराते हुए जय श्री राम, जय काशी विश्वनाथ और ऊं नम: शिवाय के जयकारों के साथ रैली आगे बढ़ाते हुए किसी प्रकार की कोई संपत्ति नहीं बल्कि ऐसा लगा जैसे गंगा के तट पर संतों की धार्मिक यात्रा निकल रही हो। पुलिस की कड़ी चौकसी, एक-एक व्यक्ति पर पुलिस की पैनी नजर के साथ रैली भटवाड़ी रोड बैरिकेडिंग पर चढ़ाई। यहां पुलिस ने रैली को रोका और आगे नहीं बढ़ाया। खैर लोग यहां जमीन पर बैठे और गए हनुमान चालीसा का पाठ करने के साथ ही ऊं नम: शिवाय का जाप करने लगे। सब कुछ ठीक चल रहा था कि अचानक बोल्ट और पत्थर बजने लगे। लोग बेरिकेडिंग के साइड भागे तो पुलिस ने लाठी चा दी। 7 पुलिस जांच में 29 लोग शामिल थे। दर्शन भारती में उनके सिर पर तीन टांके लगे हैं।

अब यहां बड़ा सवाल है कि गहरी जमीन पर हनुमान चालीसा और ऊं नम: शिवाय का जप कर रहे थे, पुलिस की पूरी नजर थी। तो फिर वरुणावत की तरफ से पत्थर और बोतलें निकालीं। लिंक वीडियो जो समाने आए हैं, उनका भी साफ हो रहा है कि वरुणावत की तरफ से पत्थर और बोतलें फेंकी गईं। अब सवाल यहां है कि पुलिस और खुफिया विभाग ने चार घंटे तक बैरिकेडिंग पर साधना करते हुए हनुमान चालीसा और ऊं नम: शिवाय का जप कर रहे थे, पुलिस की भी पैनी नजर थी। फोर्टीफाइड डॉ. मेहरबान सिंह, पुलिस अधीक्षक अमितग्रीव, पुलिस उपाधीक्षक प्रशांत, टोकियो भटवाड़ी रमोला, के अंतिम अधिकारी घटनाओं पर नजर रखी गई। पुलिस की कड़ी चौकसी फिर कैसे फेंकी गई बोतलें और पत्थर। बकौल पूर्व पालिका के अध्यक्ष सुधा गुप्ता, यह एक शाद्यंत और स्टोन बाॅर्ड हैं। इसकी जांच होनी ही चाहिए। पुलिस चारो और तस्वीरें हुई, चप्पे-चप्पे पर पुलिस सुबह से थी मोर्चा संभाले हुए थी फिर चलाए पत्थर, इस पर तो कार्रवाई होनी चाहिए।

यमुनोत्री के मुख्य निरीक्षण बड़कोट बाजार में बंद, पसरा संकट।
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता हरीश डंगवाल कहते हैं कि हनुमान चालीसा पढ़ रहे थे भाई साहब, हमने तो यह सोचा भी नहीं था कि “जिनके हाथों में हमने फूल थमाए, उनके हाथों के पत्थर ही हमारी तलाश में थे”। खैर ये जिसने भी किया उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। हरीश का ये भी कहना है कि मुख्यमंत्री धामी जी प्रशासन से जवाब मांगना चाहिए कि आखिर शांति से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पत्थरों के साथ ही पुलिस की लाठी से क्यों दो तरफा वार किया गया। उत्तरकाशी को न्याय चाहिए।

सवाल निषेधाज्ञा पर

उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता ने निषेधाज्ञा पर सवाल उठाया है कि “इस अनिश्चितकालीन निषेधाज्ञा में जिला मजिस्ट्रेट ने लिखा है कि निषेधाज्ञा समयाभाव के कारण एकपक्षीय रूप से लागू की जा रही है। एकमात्र इसी आधार पर यह आदेश असंवैधानिक है।‌ एकपक्षीय और अनिश्चितकालीन ? यदि अर्जेंट है और छानबीन व विचार करने का समय नहीं है तो एक-दो दिन के लिए लागू करते और अगले दिन सम्यक् विचार करके उसे बढ़ाते अथवा निरस्त करते”‘

डीएम बोले, प्रदर्शनकारियों ने किया शर्तों का उल्लंघन

जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा है कि प्रदर्शन के लिए संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ को सशर्त अनुमति दी गई थी। पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक का समय निर्धारित किया गया था। इस संबंध में प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों के साथ गत दिन हुई वार्ता में प्रदर्शनकारी संगठन के नेताओं ने अनुमति की शर्तों के अनुसार तय रूट और समय के भीतर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की वचनबद्धता व्यक्त की थी। कहा कि पथराव में कुछ पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी चोटिल हुए। जिसके चलते पुलिस को बाध्य होकर स्थिति को नियंत्रण में बनाये रखने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। नगर में अभी स्थिति सामान्य है। प्रशासन के द्वारा शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं और एहतियातन नगर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जा रहा है।

पथरबाजों पर होगी सख्त कार्रवाई: एसपी

पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव ने कहा है कि पथराव की घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है और इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि पथराव करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि तय रुट से दूसरे रुट पर जाने की कोशिश की गई तो इस दौरान रोके जाने पर कुछ धक्का-मुक्की हुई, फिर पत्थरबाजी हुई, पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। एसपी ने बताया कि कुछ पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। इसकी जांच की जा रही है।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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