राजस्व ग्राम पर विधानसभा अपडेट, क्या कहता है नियम? क्या कहते हैं पक्ष विपक्ष…..देखें वीडियो
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राजस्व ग्राम पर विधानसभा अपडेट, क्या कहता है नियम?
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या और हरीश धामी ने 19 जून 2024 को डीएलसी से दावा स्वीकृत होने के बाबजूद बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम की अधिसूचना जारी न होने पर उठाया प्रश्न।
ज़बाब देने आए वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि 73 वर्ष ही हो रहे हैं।
वन अधिकार समिति बिंदुखत्ता का मंतव्य।
1.वनाधिकार कानून पर जवाब देने का अधिकार वन मंत्री को नहीं।
2.समाज कल्याण मंत्री को देना चाहिए था जवाब। नेता प्रतिपक्ष ने भी मौके पर ही वन मंत्री को जवाब देने से रोक कर समाज कल्याण मंत्री को जवाब देने के लिए बोलना चाहिए था। लगता है उन्हें भी इस तथ्य की जानकारी नहीं रही होगी या ध्यान नहीं रहा होगा।
3.सरकार की ओर से बोले वन मंत्री को भी नहीं है कानून की जानकारी।
FRA में 75 वर्ष से एक ही स्थान पर रहना अनिवार्य नहीं। 75 वर्ष पूरे हों यह भी आवश्यक नहीं।
यह निर्णय डीएलसी को लेना होता है।
जैसे कि रामनगर की पत्रावली में 1933 से बसासत सिद्ध हुई थी।
हरिद्वार की पत्रावली में 1952 में अध्ययन कर रहे कुछ विद्यार्थियों की टीसी के आधार पर उन्हें दूसरी और जिन माता पिता की साथ वो रह रहे थे उन्हें पहली पीढ़ी मानते हुए वर्तमान पीढ़ी को तीसरी पीढ़ी मान लिया गया और इसी आधार पर डीएलसी ने फाइल पास की। वर्षों का कोई जिक्र नहीं किया गया।
बिंदुखत्ता में 1932 से बसासत सिद्ध है इसके अलावा स्वयं वन विभाग ने कई गोठ खत्तों को यहां समय समय पर विस्थापित भी किया है।
हमारे पास मौजूद इन अभिलेखों के बाबजूद हमसे कहा जा रहा है 75 वर्ष पूरे नहीं हुए हैं।
आज फिर हमारा बड़ा दुर्भाग्य रहा कि कोई हमारा पक्ष रखने वाला सदन में मौजूद नहीं था जो इन आंकड़ों को वन मंत्री के आगे रखकर सवाल करता।