सेना में थे पायलट तो आध्यात्म में भी बने पायलट, पंच दशनम जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर ‘पायलट बाबा’ का निधन

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सेना में थे पायलट तो आध्यात्म में भी बने पायलट, पंच दशनम जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर ‘पायलट बाबा’ का निधन

आध्यात्म अपनाने से पहले 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का भी रहे हिस्सा

देश के मशहूर संत और पंच दशनम जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर ‘पायलट बाबा’ का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्हें महायोगी कपिल सिंह के नाम से भी जाना जाता है। वह एक चर्चित भारतीय आध्यात्म गुरु और भारतीय वायु सेना में पूर्व विंग कमांडर थे।

वह लंबे समय से बीमार थे। पायलट बाबा आध्यात्म अपनाने से पहले 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का हिस्सा भी रहे। 1957 में एक लड़ाकू पायलट के रूप में कमीशन हासिल करने वाले कपिल सिंह ने कई मिशन उड़ाए और भारतीय वायु सेना में एक प्रमुख ओहदा हासिल किया था। सैन्य कैरियर को महत्वपूर्ण लड़ाइयों के दौरान उनकी वीरता के लिए उन्हें जाना जाता है, जिन्होंने भारत की अहम जीत में योगदान दिया। आध्यात्म अपनाने के पीछे वह अपने गुरू बाबा हरि को मानते हैं, जिन्होंने एक घटना के दौरान उनके विमान के कॉकपिट में प्रकट होकर लैंडिंग में उनकी मदद की थी।

जब पायलट बाबा अपने गुरू से मिले

1962 के युद्ध के दौरान वह दुर्घटना का शिकार हो गए थे और वह एक मिग फाइटर जेट उड़ाते थे। अपनी कहानी में वह दावा करते थे, कि जब एक बार उन्होंने अपने मिग विमान पर नियंत्रण खो दिया, तभी उनके मार्गदर्शक हरि बाबा उनके कॉकपिट में प्रकट हुए और उन्हें सुरक्षित लैंडिंग में मदद की थी। पायलट बाबा को समाधि सहित अपनी अनूठी प्रथाओं के लिए जाना जाता था, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने अपने पूरे जीवन में 110 से ज्यादा बार समाधि की। उनके निधन के बाद, उनके अनुयायियों में शोक की लहर है, जो उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में होने वाला है।

जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरी गिरी महाराज के निर्देश पर जूना अखाड़े की पूरे प्रदेश में स्थित सभी शाखाओं, आश्रमों और मुख्य पीठों पर शोक सभा व शांति पाठ का आयोजन किया जा रहा है। जूना अखाड़े ने तीन दिन का शोक घोषित किया गया है। इन तीन दिनों में पायलट बाबा की आत्मा की शांति के लिए शांति पाठ हवन तथा विशेष पूजा अर्चना की जाएगी।

बॉलीवुड में भी अभिनय कर चुके पायलट बाबा संन्यास लेने से पहले बाबा कुछ दिन तक बॉलीवुड से भी जुड़े रहे, उन्होंने ‘एक फूल दो माली’ में अभिनय भी किया। वे बॉलीवुड की कई नामचीन हस्तियों के साथ काम कर चुके हैं। बॉलीवुड की जानी-मानी अभीनेत्री मनीषा कोइराला के आध्यात्मिक गुरु बाबाजी ही हैं।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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