हाथियों के आंतक से ग्रामीण परेशान शाम होते ही आबादी की ओर रुख कर रहे है गजराज, समाज सेवी डी. के. जोशी ने की यह मांग

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हाथियों के आंतक से ग्रामीण परेशान शाम होते ही आबादी की ओर रुख कर रहे है गजराज, समाज सेवी डी. के. जोशी ने की यह मांग

हल्दूचौड़ / क्षेत्र के गंगापुर गाँव में हाथियों के बढ़ते आतंक से ग्रामीणों की नीद हराम हो गयी है, हाथियों द्वारा भारी मात्रा में फसलों को नुकसान पहुंचाएं जाने से नाराज ग्रामीणों का कहना है, जिस प्रकार हाथी निर्भय होकर विचरण करने लगें है, उससे अब जान पर भी खतरा मडराने लगा है। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता दया किशन जोशी ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि संबंधित विभाग की ओर से काश्तकारों की पीड़ा नही सुनी जा रही है और ना ही कोई सहायता प्रदान की जा रही है ,जबकि शाम ढलते ही हाथी गांव की ओर प्रवेश कर रहे हैं ,ना तो बन विभाग की ओर से रात्रि में कोई गस्त आ रही है और ना ही चौकीदार रखे गए हैं और तो और फसल का मूल्यांकन करने वन विभाग राजस्व विभाग की ओर से कोई देखने को नहीं आ रहा है

उल्लेखनीय है कि हाथियों का रुख आबादी की ओर होनें से लोगों में काफी दहशत है ,सहमें ग्रामीण जनो ने अनेकों बार विभागीय अधिकारियों मंत्रियों से मिलकर अपनी पीड़ा व्यक्त कर दी है बारहाल हाथियों के आतंक से निजात दिलानें की मांग अब जोर पकड़ती जा रही है क्षेंत्र के अनेक हिस्सों में लम्बे समय से हाथियों के आतंक का कहर छाया हुआ है।

विभिन्न क्षेत्रों में हाथियों के आतंक से किसान त्राहिमाम है फसल ही नहीं जान माल को लेकर भी लोगों के चेहरों पर चिन्ता की लकीरें बढ़ गयी हैं । भोजन व पानी के अभाव, ने शायद हाथियों को झकझोर कर ड़ाला है। यहीं कारण है, कि शाम ढ़लते ही हाथियों का आबादी वाले क्षेत्रों में रुख प्रतिदिन आम बात हो गयी है। वनों में चारे की कमी व पेयजल के अभाव के कारण आबादी वाले क्षेत्रों के आसपास हाथियों का दिखायी देना इसी पीड़ा को दर्शाता है।

विभागीय उदासीनता के चलते जंगल में हाथियों के लिए पानी व भोजन की व्यवस्था का कोई कारगर उपाय न होना आबादी की ओर रुख करनें का कारण बन रहा है। आबादी वाले क्षेत्रों के आसपास हाथियों का झुण्ड व आबादी वालें क्षेत्रों में मदमस्त होकर विचरण कर रहे हाथियों के कदम इस बात की गवाही देते प्रतीत होते है।कि हाथी व अन्य वन्य जीव जन्तु पानी व भोजन को लेकर काफी परेशान है।

तराई क्षेत्रों में जंगलों की अंधा-धुंध कटाई की वजह से भोजन व पानी की तलाश में इनका रुख अब आबादी वाले क्षेत्रोंं में बढ़नें लगा है। जिसके परिणामस्वरुप मानव व हाथीयों के बीच संघर्ष की लकीरें तेजी से बढ़ने लगी है
हाथियों के हमले से फसलों को भारी नुकसान पहुंचना अब प्रतिदिन आम बात हो गयी है। ग्रामीण गुहार लगाते लगाते थक चुकें है।इधर वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डीके जोशी ने कहा कि हाथियों के आतंक से निजात दिलाने के लिए व्यापक कदम उठाए जाने चाहिए

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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