(यू.पी) आजमगढ़:  मिशन शक्ति कार्यक्रम नारियों के समग्र विकास, सम्मान, सशक्तिकरण और विकसित भारत@2047 का मुख्य आधार बनेगा: प्रो0 प्रदीप कुमार शर्मा, कुलपति महाराजा सुहेल देव विश्विद्यालय

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(यू.पी) आजमगढ़:  मिशन शक्ति कार्यक्रम नारियों के समग्र विकास, सम्मान, सशक्तिकरण और विकसित भारत@2047 का मुख्य आधार बनेगा: प्रो0 प्रदीप कुमार शर्मा, कुलपति महाराजा सुहेल देव विश्विद्यालय, आज़मगढ़।

उत्तर प्रदेश शासन की महत्वाकांक्षी योजना मिशन शक्ति फेज -5 के अधीन सांस्कृतिक परिषद ,महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ के तत्वावधान में, माननीय कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा की अध्यक्षता में, नारी शक्ति सम्मान का एक कार्यक्रम सोमवार को विश्विद्यालय के सभाकक्ष में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ, विश्वविद्यालय में अध्यनरत परास्नातक की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया एवं अध्यक्ष सांस्कृतिक परिषद प्रोफेसर जूही शुक्ला के निर्देशन में विश्विद्यालय की अध्यापिकाओं ने जनपद के विविध क्षेत्रों में प्रख्यात नारी शक्तियों को माल्यार्पण कर स्वागत किया। माननीय कुलपति जी के द्वारा नारी शक्तियों को अंगवस्त्रम भेंट कर उनका सम्मान किया गया।

 

सम्मानित नारी शक्तियों में, श्रीमती अनीता द्विवेदी, श्रीमती पूनम उमेश सिंह, डॉक्टर अलका सिंह, श्रीमती शालिनी राय, शिखा रावत एवं श्रीमती अरुणिमा सिंह रही। श्रीमती पूनम उमेश सिंह द्वारा पौधा एवं शालिनी राय के द्वारा कुलपति जी को पौधा व स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका सम्मान किया गया साहित्यसेवी शालिनी राय ने अपनी सद्य प्रकाशित पुस्तक ‘मेरी प्रथम अनुगूंज’ भी कुलपति जी को भेंट की, साथ ही साथ शालिनी राय ‘डिम्पल’ ने ‘मिशन शक्ति’ पर अपनी स्वरचित कविता “मैं नारी हूँ, मैं शक्ति हूँ, मैं वेदों की अभिव्यक्ति हूँ” सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

मिशन शक्ति अभियान को साकार रूप देने के लिए माननीय कुलपति द्वारा प्रतीकात्मक रूप से, विश्वविद्यालय परिषद विश्वविद्यालय परिसर की एम0 काम0 की छात्रा अनन्या सिंह को एक दिन का आंशिक भाव से कुलपति भी बनाया गया जिसने कुलपति, महाराजा सुहेलदेव के रूप में प्रतीकात्मक रूप से कार्यों का संचालन किया।

अपने उद्बोधन में मा0 कुलपति जी ने प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक भारत में महिला शक्ति और नेतृत्व का उदाहरण देते हुए कहा कि नारियां समाज के प्रत्येक क्षेत्र में, पुरुषों से बेहतर सृजन करने की क्षमता धारण करती हैं, यदि एक पुरुष शिक्षित होता है तो वह केवल स्वयं शिक्षित होता है वहीं अगर महिला शिक्षित होती है तो उसके माध्यम से पूरा परिवार शिक्षित होता है,महिला सशक्तिकरण की प्रज्वलित मशाल को लेकर आगे बढ़ते हुए हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि यह सशक्तिकरण समाज को सकारात्मक दिशा प्रदान करें एवं भारतीय मनीषा के अंतर्निहित सूत्र वसुधैव कुटुंबकम एवं सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया की भावना को समाज में चरितार्थ करें।
सांस्कृतिक परिषद की अध्यक्ष प्रोफेसर जूही शुक्ला ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए माननीय कुलपति जी को धन्यवाद देते हुए कहा की नारी सशक्तिकरण यद्यपि उत्तर प्रदेश शासन एवं माननीय नरेंद्र मोदी जी का एक स्वप्न है किंतु यह हमारे समाज का सदियों से एक आदर्श रहा है इस आदर्श प्राप्ति की धारा में महिलाओं को और समस्त नारी शक्तियों को यह ध्यान रखना होगा कि अपने सम्मानित पद को सदैव गरिमामय में बनाए रखना है।

कार्यक्रम का संचालन सांस्कृतिक परिषद के सचिव डॉ0 प्रवेश कुमार सिंह ने करते हुए कहा की नारी शक्ति इतिहास से वर्तमान तक सदैव पूजनीय रही है, माननीय कुलपति जी के निर्देशन में महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ ने इसी महान परंपरा का पोषण किया है।
कुलसचिव महोदय ने माननीय प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री के मिशन शक्ति पर आधारित संदेश का वाचन करते हुए सभी के प्रति आभार ज्ञापन का प्रस्तुतीकरण किया। निधि सिंह अतिथि प्रवक्ता हिंदी महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

मिशन शक्ति की नोडल अधिकारी प्रोफ़ेसर गीता सिंह ने अपने स्वरचित कविता पाठ के द्वारा महिला शक्ति की भावनाओं को समाज से जोड़ते हुए प्रस्तुत किया एवं कार्यक्रम के औपचारिक समापन की घोषणा की।
इस अवसर पर सांस्कृतिक परिषद के सदस्य प्रोफेसर मदन मोहन पांडे डॉक्टर पंकज सिंह डॉक्टर जयप्रकाश यादव तथा विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य गण छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारी गण आदि सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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