दिव्यांग एवं जरूरतमंदों के लिए स्वरोजगार की अनूठी पहल-आर्यावर्त विश्व सनातन विकास परिषद की मुहिम

दिव्यांग एवं जरूरतमंदों के लिए स्वरोजगार की अनूठी पहल-आर्यावर्त विश्व सनातन विकास परिषद की मुहिम
गबर सिंह भण्डारी
बिलासपुर, श्रीनगर( पौड़ी गढ़वाल)। आर्यावर्त विश्व सनातन विकास परिषद के जिला इकाई द्वारा सक्षम बिलासपुर एवं आर्यावर्त सनातनी विश्व विकास भारत बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में दिव्यांग एवं जरूरतमंद गरीब भाई-बहनों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वरोजगार कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में व्यावहारिक प्रशिक्षण एवं रोजगारोन्मुखी साधनों से जोड़ा जाएगा। इस विशेष अभियान के तहत 24 अगस्त 2025 रविवार को दिव्यंग सेवा केंद्र में दिव्यांग एवं जरूरतमंद प्रतिभागियों को ऑर्गेनिक साबुन निर्माण का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आयोजकों ने अपील की है कि अधिक से अधिक भाई-बहन इस अवसर का लाभ उठाएं। दिव्यांगजनों को मिलेगा स्वरोजगार का अवसर-आयोजन समिति ने बताया कि प्रतिभागियों को दोना-पत्तल बनाने की मशीन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही कच्चा घानी तेल निकालने की मशीन भी समूह आधारित मॉडल पर उपलब्ध कराने की योजना है। आयोजकों ने लोगों से आग्रह किया है कि वे छोटे-छोटे समूह बनाकर अपने नाम परिषद को भेजें,जिससे इस पहल का लाभ हर परिवार तक पहुंच सके। आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम-सनातनी संगठन की ओर से बताया गया कि यह पहल केवल स्वरोजगार तक सीमित नहीं है,बल्कि इससे कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पाद की बिक्री तक की पूरी व्यवस्था खड़ी की जाएगी।
इससे दिव्यांगजनों एवं गरीब वर्ग के लिए सतत रोजगार का मार्ग प्रशस्त होगा। संगठन की प्रतिबद्धता-इस कार्यक्रम की परिकल्पना में आर्यावर्त सनातनी प्रदेश अध्यक्ष सौरभ दुबे की महत्वपूर्ण भूमिका बताई गई है। उन्होंने कहा कि दोना-पत्तल एवं कच्चा घानी तेल की मशीनें उपलब्ध कराकर क्षेत्र में स्वावलंबन का वातावरण तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम का मार्गदर्शन जिला अध्यक्ष शेफाली घोष तथा जिला सांस्कृतिक अध्यक्ष सुमिता दास गुप्ता कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह मुहिम केवल एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं बल्कि समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण की एक मजबूत कड़ी है। यह पहल आर्यावर्त विश्व सनातन विकास परिषद के सामाजिक सरोकार और सेवा भावना का प्रतीक है,जो आने वाले समय में दिव्यांगजनों और जरूरतमंदों के जीवन में नई आशा और उज्ज्वल भविष्य का संचार करेगी।
संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष का संदेश-समाज के सबसे कमजोर वर्ग को आत्मनिर्भर बनाना ही सच्ची सेवा है। दिव्यांग एवं जरूरतमंद भाई-बहनों को स्वरोजगार से जोड़ना केवल आर्थिक सहयोग नहीं,बल्कि उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने की शक्ति प्रदान करना है। आर्यावर्त विश्व सनातन विकास परिषद का यह प्रयास सनातन धर्म की उस परंपरा को आगे बढ़ाता है,जिसमें सेवा,सहयोग और आत्मनिर्भरता ही राष्ट्र निर्माण की नींव मानी गई है। श्रीश्री 1008 ज्योतिषाचार्य आशीषकृष्ण नंदाचार्य महाराज संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्यावर्त विश्व सनातन विकास परिषद।

