ढाई महीने बाद जगी बड़कोट पुलिस, कपिल चौहान की मौत पर चार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज, चचेरे भाईयों पर हत्या का आरोप


ढाई महीने बाद जगी बड़कोट पुलिस, कपिल चौहान की मौत पर चार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज
कपिल चौहान की रहस्यमयी मौत पर ढाई महीने बाद मुकदमा दर्ज, चचेरे भाइयों पर हत्या का आरोप
आईजी गढ़वाल के निर्देश पर हरकत में आई बड़कोट पुलिस, गांव के ही चार लोगों पर हत्या का शक
संवाददाता ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह
उत्तरकाशी। सरनौल गांव के युवक कपिल चौहान की रहस्यमयी मौत के ढाई महीने बाद आखिरकार बड़कोट पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस कार्रवाई के पीछे गढ़वाल आईजी के निर्देश और उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) नेताओं की सक्रियता बताई जा रही है। यूकेडी प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में देहरादून जाकर गढ़वाल आईजी से मुलाकात की और मृतक के परिवार को न्याय दिलाने की मांग की।
आईजी के हस्तक्षेप के बाद बड़कोट पुलिस ने सरनौल गांव के ही चार लोगों के खिलाफ हत्या के संदेह में मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पीड़ित परिवार ने उनसे मिलकर न्याय की मांग की थी, जिसके बाद थानाध्यक्ष बड़कोट को जांच के निर्देश दिए गए।
थानाध्यक्ष दीपक कठैत ने जानकारी दी कि परिजनों की तहरीर पर सिद्धार्थ, जगवीर पुत्र सदर सिंह, सदर सिंह तथा नीरज पत्नी सिद्धार्थ के खिलाफ धारा 103 के तहत नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
यह घटना 2 से 4 मार्च 2025 के बीच की है, जब कपिल अपने भाइयों के साथ बचाण गांव के कंदराला जंगल में भेड़ें चरा रहा था। अचानक सुबह गांव में सूचना आई कि कपिल पेड़ से गिर गया है। ग्रामीण आनन-फानन में जंगल पहुंचे और कपिल के शव को गांव लाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
करीब दो सप्ताह बाद गांव में चर्चा फैलने लगी कि कपिल की मौत दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या थी। इसके बाद परिजनों ने बड़कोट थाने के चक्कर काटने शुरू किए। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही कोई जांच की, जिस पर उन्होंने पुलिस अधीक्षक से भी शिकायत की।
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या बड़कोट पुलिस ढाई महीने पुराने इस रहस्यमयी मामले की परतें खोल पाएगी? अगर पुलिस ने शुरुआत से गंभीरता दिखाई होती तो अब तक सच्चाई सामने आ चुकी होती। लेकिन अब जब समय बीत चुका है, तो क्या पुलिस के पास कोई ठोस सबूत बचा है?
इसका जवाब अब जांच अधिकारी ही दे सकते हैं। फिलहाल पूरे जिले की नजरें बड़कोट पुलिस पर टिकी हैं, कि क्या वह कपिल चौहान की मौत की गुत्थी सुलझा पाएगी या यह मामला भी समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा।



