इस बार भी 350 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई आरटीई की छात्र संख्या, अंतिम तिथि आज


इस बार भी 350 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई आरटीई की छात्र संख्या, अंतिम तिथि आज
ललित मोहन गहतोड़ी, वरिष्ठ पत्रकार
चंपावत। निजी विद्यालयों में आरटीई के तहत छात्र संख्या बढ़ाए जाने के तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। बावजूद इसके छात्र संख्या बढ़ने के बजाय लगातार घट रही है। निजी विद्यालयों में आरटीई के तहत प्रवेश के लि 20 अप्रैल को अंतिम तिथि रखी गई है। इसके तहत आरटीई के तहत प्रवेशरत बच्चों को विद्यालयों में एडमिशन लेने के साथ ही विद्यालयों को आनलाइन पोर्टल में दर्ज किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
वेनये शिक्षा सत्र 2025-26 के लिए आरटीई के तहत लाटरी प्रक्रिया संपन्न होने के बाद प्रवेश प्रारंभ हो गये हैं। विगत वर्ष 2024-25 में 350 से भी कम बच्चों ने आरटीई के तहत जिले के विभिन्न निजी विद्यालयों में प्रवेश लिया है। इस वर्ष भी अब तक आनलाइन पोर्टल में पंजीकृत 94 विद्यालयों में विकास खंडों की ओर से सत्यापन में 652 में से 426 आवेदन सही पाए गए हैं। इनमें विकास खंड स्तर पर त्रुटिपूर्ण और निरस्त किये गए आवेदनों की संख्या 224 है। इसमें अधूरे भरे गये आवेदनों की संख्या दो है। लाटरी के माध्यम से चयनित बच्चों की संख्या 398 है। 19 अप्रैल तक निजी स्कूलों में पंजीकृत और प्रवेशित बच्चों की संख्या 331 है। इस दौरान विद्यालयों ने 14 आवेदन निरस्त किये गए हैं। 19 अप्रैल तक 53 बच्चों ने अपना पंजीकरण नहीं कराया है। जिले में आरटीई के तहत प्रवेश के लिए लाटरी के माध्यम से चयनित बच्चों को 20 अप्रैल तक का अंतिम समय दिया गया है।
कोट
आरटीई के तहत लाटरी प्रक्रिया संपन्न कर ली गई है। 19 अप्रैल तक 331 बच्चों को विभिन्न निजी विद्यालयों में प्रवेश मिला है। प्रवेश प्रक्रिया लाटरी के माध्यम से संपन्न किये जाने का प्रावधान है।
जसवंत सिंह पोखरिया जिला समन्वयक समग्र शिक्षा चंपावत।
आरटीई के तहत जिले में 685 बच्चों को 25 फीसदी सीट के आधार पर प्रवेश दिया जाना था। इसमें 652 बच्चों ने आवेदन किया। सत्यापन के बाद 426 आवेदन सही पाए गए।लाटरी के माध्यम से 398 बच्चों का चयन किया गया। इसमें से अब तक 331 बच्चों ने प्रवेश लिया है। 20 अप्रैल प्रवेश की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। आरटीई के तहत प्रवेशरत बच्चों को विद्यालयों में एडमिशन लेने के साथ ही विद्यालयों को आनलाइन पोर्टल में संख्या दर्ज किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
मेहरबान सिंह बिष्ट सीईओ/जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा चंपावत।



