दिव्य ज्योति कलश यात्रा के दर्शन पूजन हेतु दिखा श्रद्धालुओ में भारी उत्साह
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दिव्य ज्योति कलश यात्रा के दर्शन पूजन हेतु दिखा श्रद्धालुओ में भारी उत्साह।
हरिद्वार। अखिल विश्व गायत्री परिवार शान्ति कुंज हरिद्वार के संस्थापक युग ऋषि, येद मूर्ति तपोनिष्ठ पं० श्रीराम शर्मा आचार्य जी को उनके कई जन्मों के मार्गदर्शक सत्ता हिमालय वासी ऋषि ने उन्हें इस युग की समस्त समस्याओं के निराकरण व भारतीय संस्कृति की पुर्नस्थापना हेतु एक अखण्ड दीपक जलाने व उसके सम्मुख कठोर गायत्री साधना करने का निर्देश दिया था, उसी के अनुसार उनके द्वारा वर्ष 1926 को वंसत पंचमी पर एक अखण्ड ज्योति को प्रज्वलित कर उसके सम्मुख अखण्ड तप करना आरम्भ किया, तथा गायत्री और यज्ञ को जन-जन के लिए सुलभ बनाया, जिसके परिणाम स्वरुप आज गायत्री और यज्ञ का विस्तार मत्स्यावतार की तरह हो रहा है। इसका उद्देश्य युग की समस्त समस्याओं का निराकरण व धरती पर स्वर्ग जैसा वातावरण स्थापित करना है।
वही अखण्ड ज्योति, शान्तिकुंज में आज भी प्रज्वलित है जिसके सरक्षण में विगत 98 वर्षों से नियमित गायत्री जप व यज्ञ किया जा रहा है। इसी अखण्ड ज्योति के वर्ष 2026 में पूर्ण होने के उपलक्ष में विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में जन्म शताब्दि मनाने व समस्त विश्व के लोगो को निमंत्रण देने के उद्देश्य से यह दिव्य ज्योति कलश यात्रा अपने देश के अलावा विदेशों में भी भ्रमण कर रही है। यह भी अद्भुत संयोग है कि उसी वर्ष गायत्री परिवार को अपने प्यार व स्नेह से विस्तार देने वाली स्नेह सलिला माता भगवती देवी जी की भी जन्म शताब्दि है जिसे एक साथ भव्य व दिव्य रुप से मनाने का गायत्री परिजनों ने विचार किया है।
उत्तराखण्ड प्रान्त के गायत्री परिजनो द्वारा दिनांक 11 दिसम्बर से निकाली गयी यह दिव्य ज्योति कुलश यात्रा आज दिनांक 14-02-25 को उध/ग सिह नगर जनपद की तहसील जरापुर के गुज्जरातिगान मंद / कस्बे में पहुंची, जहां पर शांय को दीपयज्ञ के साथ रात्री विश्राम किया।
आज यात्रा का शुभारम्भ एक कुण्डीय यज्ञ के साथ ग्राम / कस्बे त्वमनगर से किया गया, जहां से ज्योति कुलश यात्रा आखलेग पुरै रहमा पुर कासम पुर, ढाकर द्वारा से गुणसात
शार्य गुजय तिन को पहुँची। श्रद्धालुओं द्वारा बडे उत्साह के साथ दिव्य ज्योति कलश का दर्शन-पूजन किया गया। साथ ही सभी को वर्ष 2026 में होने वाले जन्म शताब्दि कार्यक्रम का निमंत्रण के साथ सभी से इस महान युग निर्माण योजना में भागीदारी करने व अपने समय, साधन, प्रतिभा का दान करने का निवेदन किया गया। ३६० मिहेनत्र जनपद के स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ टोली में निरन्तर बल रहे श्री दिनेश चन्द्र मैखुरी, इमन्वयक दिव्य ज्योति कलश यात्रा उत्तराखण्ड, बी.सी. पत वी.पी बधानी, एल एन पाण्ड, के के सतों व अशोक कुमार, सहित स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित रहें। यात्रा समन्वयक द्वारा बताया गया कि यह यात्रा निरन्तर आगे बढ़ रही है तथा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने मे अपने पूरे प्राण-प्रण से लगी हुयी है।