तेजी के साथ नए नगर की शक्ल ले रहे छतार-पुनेठी की पांच हजार की आबादी के बीच नहीं है कोई बैंकिंग सुविधा

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तेजी के साथ नए नगर की शक्ल ले रहे छतार-पुनेठी की पांच हजार की आबादी के बीच नहीं है कोई बैंकिंग सुविधा।

क्षेत्र के बैंक उपभोक्ताओं के द्वारा मुख्य शाखा खोलने के लिए लम्बे समय से किए जा रहे हैं प्रयास।

चंपावत। तेजी के साथ विकास की ओर अग्रसर एवं नए नगर की शक्ल लेता छतार एवं पुनेठी की पांच हजार से अधिक आबादी को अपने बैंकिंग कार्य के लिए तीन किलोमीटर दूर चंपावत नगर में जाना पड़ता है।रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े इस कार्य के लिए तीन किलोमीटर का सफर करने के लिए रिटायर्ड फौजियों, सिविल पेंशनर, वृद्ध महिलाओं पुरुषों दिव्यांगों की सेहत इसकी अनुमति नहीं दे रही है।हालांकि चंपावत में पहली बार खुली मुख्य शाखा से जुड़े लोगों की नई पीढ़ी इसी बैंक से आज भी बैंकिंग नाता जोड़े हुए हैं।

हालांकि आज चंपावत में एक दर्जन से अधिक बैंक शाखाएं खुल चुकी है,लेकिन एसबीआई से उनके लगाव के कारण ही छतार-पुनेठी के लोगों ने यहां बैंक शाखा खोलने की लगातार मांग की जा रही है। यहां बैंक खोलने का औचित्य भी है।इस स्थान का तेजी के साथ विकास हो रहा है तथा नगर का शेष विकास भी इसी ओर होता जा रहा है।यहां पेट्रोल पंप, विभिन्न नामी कंपनियों के शोरूम, टूरिस्ट हट, प्रतिष्ठित मंदिर,के अलावा कलेक्ट्रेट कर्मचारियों एवं अधिकारियों के आवासीय परिसर,बाजार,विद्यालय, आदि तमाम संस्थान एवं प्रतिस्ठान भी है।

इसके अलावा यहां घनी आबादी के गांव भी है जहा लगातार इस शहर का विस्तार हो रहा है।इन गांवो के किसानों के पास इतना समय नहीं है कि वह चंपावत में बैंकों की लाइन में लंबे समय खड़े होकर अपना बैंकिंग कार्य कर सके।छतार -पुनेठी में वर्तमान में कोई बैंक नहीं है। यदि स्टेट बैंक इस क्षेत्र के लोगों के बैंक डिपॉजिट एवं एडवांस एसबीआई में देखे जाए तो उन्हें देखते हुए यहां एसबीआई की शाखा खोलने की पर्याप्त संभावनाओं को बल मिलता है।इस बीच लोगों को यह जानकर हैरानी हो रही है कि स्टेट बैंक जीआईसी चौक में बैंक शाखा खोलने पर विचार कर रहा है।

यह स्थान छतार पुनेठी से ढाई किलोमीटर दूर है जिसका लाभ छतार पुनेठी क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल सकता। यहां एसबीआई से शुरू से ही जुड़े लोगों का कहना है की उन्हें स्टेट बैंक के अधिकारियों के इस कदम में सड़ी हुई राजनीतिक सोच की गंध आ रही है। लोग इस बात से बेहद नाराज हैं कि स्टेट बैंक जैसी प्रतिष्ठित बैंकिंग संस्था में अब कैसे लोग आ गए हैं? जो छतार पुनेठी के लोगों की वास्तविक मांग को अनदेखा कर ऐसे लोगों से अपना नाता तोड़ रहे हैं जिन्होंने चंपावत में एसबीआई की पहली शाखा खुलने पर उसे विकसित करने में अपना तन मन धन से सहयोग किया था।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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