अमोली के युवाओं ने मॉडल जिला चंपावत में अपने गांव को स्वयं के प्रयासों से बनाया “मॉडल विलेज”

अमोली के युवाओं ने मॉडल जिला चंपावत में अपने गांव को स्वयं के प्रयासों से बनाया “मॉडल विलेज”
जहां की स्वच्छता ही गांव की पहचान है, बिना बम पटाखों, जुआ, शराब के लोगों ने आपस में बांटी दीपावली की खुशियां।
चंपावत। गांव के युवा जिस दिन अपने गांव को साफ सुथरा चमकता दमकता बनाने, गांव को पूर्ण नशा मुक्त करने, पटाखों से गांव का पर्यावरण दूषित न कर उनमें होने वाली फिजूल खर्ची को रोकने, जुआ शराब से लोगों को दूर रखकर अपने गांव को मॉडल जिले का आदर्श गांव बनाने की ठान लेंगे उसी दिन उन्हें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। ऐसी ही सोच के साथ पाटी ब्लॉक के अमोली गांव के युवाओं ने स्वयं के प्रयासों से अपने गांव को मॉडल जिले का “मॉडल विलेज” बनाकर दूसरे गांव के युवाओं की आंखें खोल दी है।
दिवाली के दिन जहां अन्य गांव में बम पटाखों का शोर सुनाई दे रहा था किंतु अमोली गांव के युवा गांव घर की सफाई कर शाम को पूजा करने के बाद पंचायत घर में एकत्रित होकर भजन कीर्तन में शामिल हो गए। जहां उन्होंने एक दूसरे को अपने घर की पूजा का प्रसाद बांटकर देर रात तक यहां लोग भक्ति संगीत के स्वर में झूमते रहे। इस गांव को स्वच्छ बनाए रखने के लिए यहां की ग्राम प्रधान निशा भट्ट को जिलाधिकारी द्वारा पुरस्कृत कर सम्मानित भी किया जा चुका है।
गांव के युवा सामाजिक कार्यकर्ता पूरन भट्ट, जीवन, अमित, सुरेश, प्रकाश, दयानंद, भुवन, कमल, हिमांशु, महेश, त्रिलोचन, नवल, मोहन, जसोधर, प्रयाग आदि कहना है कि वह अपने गांव को हर कार्य में प्रथम पंक्ति में खड़ा करना चाहते हैं। गांव के युवाओं ने पेयजल के भावी संकट को देखते हुए जहां अपने नौलों को साफ-सुथरा रखने के साथ गांव के गधेरों को पानी के पोषक पौधों से अच्छादित किया है। इसी गधेरे से लोगों ने रबड़ के पाइपों से गांव में पानी ले जाया गया है।अभी यह गांव जल जीवन मिशन से दूर है। गांव के लिए सिंचाई गूल की भी आवश्यकता है। गांव के युवा अब यहां लाइब्रेरी खोलना चाहते हैं जिससे वे आज के समय की दौड़ में अपने को शामिल कर सकें।
गांव के युवाओं को हर स्तर पर किया जाएगा प्रोत्साहित – जिलाधिकारी
चंपावत। जिलाधिकारी मनीष कुमार का कहना है मांडल जिले की परिकल्पना का सोच यदि गांव के युवाओं में पैदा होता है तो यह हम सबके लिए शुभ संकेत है। जिला प्रशासन यहां के युवाओं की सोच में पंख लगाने के साथ इस गांव को हर स्तर पर प्रोरोतसाहित किया जाएगा। यदि गांव के युवा खेत से जुड़े तो वे इस क्षेत्र में भी अपना गांव मांडल बना सकते हैं। जिसके लिए हर प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाएगा।








