मां बाराही का सुरक्षा कवच छत्रछाया “फर्रा” अब बनेगा हर घर की शान

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मां बाराही का सुरक्षा कवच छत्रछाया “फर्रा” अब बनेगा हर घर की शान।

सूनी गांव के कृष्ण राम की इस पहल से तो उम्र ही बढ़ गई है।

देवीधुरा। बाराही धाम में रक्षाबंधन के अवसर पर प्रतिवर्ष होने वाली बगवाल में चारों खामो द्वारा प्रयोग किए जाने वाले फर्रे, हर घर की शान व शोभा बनाने का एक सराहनीय प्रयास किया गया है। इस प्रयास ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी फर्रे बनाने वाले कृष्ण राम की रोजगार मिलने के साथ उनकी उम्र भी बढ़ गई है ।

समाज सेवा के लिए अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले श्री मिशन संस्था के दीपक जोशी का आइडिया लोगों को खूब पसंद आया है। उनके द्वारा सूनी गांव के कृष्ण राम से संपर्क कर छोटे मॉडल का फर्रा तैयार कराया गया,जिसमें कमलगोट की माला, तुलसी की माला, मयूर पंख के अलावा ऐपड़ का प्रयोग किया गया है। यह हमारी क्षेत्रीय संस्कृति के साथ-साथ मां वाराही की राष्ट्रीय म्यूजियम में रखी हुई सप्त मातृकाओं की मूर्ति में से सातवीं मां शक्ति के साक्षात रूप बराह अवतार की जीवनसाथी का विस्मरण करवाता है। जो भी इसे देख रहा है, वह अपने घर में मां बाराही की छत्रछाया को ले जाने के लिए आतुर है।

कृष्ण राम का कहना था कि लगभग इस छोटे साइज के फर्रे “छत्र छाया” का निर्माण करने का काफ़ी ऑर्डर मिलने से मेरी व्यस्तता और उम्र बढ़ गई है। फर्रे को सीएम पुष्कर धामी को भेंट करते हुए उनका कहना था कि यह वास्तव में ऐसा सुरक्षा कवच बनाया गया है, जिसे घर के ड्राइंग रूम में लगाने से शोभा तो बढ़ेगी ही बल्कि पूरे घर में एक कवच का भी काम करेगा।

जिला अधिकारी नवनीत पांडे ने भी इस प्रयास को बहुत सराहा है। उनका कहना है कि इस प्रयास से जहां पारंपरिक पेशेवर लोगों को काम मिल रहा है, वहीं इससे देवीधुरा मेले की और पहचान भी बढ़ती जा रही है।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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