मॉडल जिला चंपावत को ऐसा रूप देने जा रहे हैं जहां लोगों चेहरों की मुस्कान हि विकास की दास्तान होगी। डीएम नवनीत

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मॉडल जिला चंपावत को ऐसा रूप देने जा रहे हैं जहां लोगों चेहरों की मुस्कान हि विकास की दास्तान होगी।जिलाधिकारी

जनपद स्थापना दिवस पर डीएम ने सभी को दी बधाई।

चंपावत। जनपद की 27वीं वर्षगांठ एवं अभियंता दिवस पर जनपद के लोगों एवं सभी अभियंताओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। जनपद स्थापना के बाद यहां तेजी के साथ विकास हुआ है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अपनी परिकल्पनाओं के अनुरूप इसे हिमालयी राज्यों का मॉडल जिला बनाने के प्रयासों के बाद जिले का हर क्षेत्र में चौतरफा विकास हो रहा है। जिले में पर्यटन व धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से ओझल स्थानों को मुख्य धारा में लाने के साथ-साथ जिले में आवागमन को सुगम बनाकर कृषि, उद्यान, बागवानी, पशुपालन, फूलों, रेशम, केसर, जड़ीबूटियों आदि की खेती की ओर आगे बढ़ते जा रहे हैं। जिले में दूध का उत्पादन दो गुना करने, सेवक् की विभिन्न प्रजातियों के उत्पादन को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को हर स्तर पर मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

जिलाधिकारी श्री पांडे ने कहा मौन पालन कार्यक्रम को कुटीर उद्योग के रूप में विकसित करने की ओर हमारे कदम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। प्रकृति ने चंपावत जिले को बिपुल संपदा दी है जिसका दोहन कर उसे विकास एवं रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। हमें इस बात पर सुखद अनुभूति हुई है कि बीती गर्मियों में चंपावत जिले में पर्यटकों की काफी आवाजाही रही। होमस्टे स्थापित करने का हमारा प्रयास सफलता को चूम रहा है। ‌आज चंपावत पहाड़ी खोए, लाजवाब मिठाईयां, जैविक शहद के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है। इसके अलावा हॉटी टूरिज्म, टी टूरिज्म, फॉरेस्ट टूरिज्म, एंग्लिंग, राफ्टिंग, कयाकिंग के क्षेत्र में भी हम पहचान बना रहे हैं। वैसे पंचेश्वर एंगुलरु के लिए एशिया महाद्वीप के एंग्लोरु के लिए किसी तीर्थ से कम नहीं है।

डीएम नवनीत ने कहा कि आज हम ऐसे माहौल में जिले का 27वां स्थापना दिवस मना रहे हैं जब प्राकृतिक मार ने लोगों के चेहरों की मुस्कान को ही छीन लिया है। तीन लोगों के जीवन को आपदा लील गई हैं। जिले में लोगों को विभिन्न प्रकार की क्षति का सामना करना पड़ा है। ऐसे माहौल में हम सब पीड़ितों एवं प्रभावितों के साथ हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर पीड़ितों की हर है।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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