टनकपुर से पिथौरागढ़ तक राजमार्ग तो खुला, लेकिन विभाग को लग गया है पांच करोड़ की चपत

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टनकपुर से पिथौरागढ़ तक राजमार्ग तो खुला, लेकिन विभाग को लग गया है पांच करोड़ की चपत।

स्वाला में पैदा हुई नई भौगोलिक स्थिति में अब वहां पुल का निर्माण करना ही एकमात्र स्थाई विकल्प – अधिशासी अभियंता

चंपावत। डेढ़ सौ किलोमीटर लंबे टनकपुर – पिथौरागढ़ राजमार्ग को भले ही जान जोखिम में डालकर एनएच के लोगों ने सड़क को यातायात के लिए खोल तो दिया लेकिन कई ऐसे संवेदनशील स्थान है जहां सड़क के ऊपर बड़े-बड़े बोल्डर थोड़ी सी बरसात में सड़क को अवरुद्ध कर जानलेवा बन सकते हैं। सड़क खोलने के बाद साईड में कुछ राहत की सांस ले रहे एनएच डिविजन के अधिशासी अभियंता आशुतोष ने ईश्वर का शुक्र अदा करते हुए कहा यह आपदा एनएच कर्मियों के लिए किसी युद्ध से काम नहीं थी, जहां पग-पग में मौत मडरा रही थी। स्वाला, संनतौला, सरयू पार घाट बैंड, दिल्ली बैंड समेत दस स्थान में बैक कटिंग पर जैसे तैसे यातायात बहाल किया गया है।

संनतौला में भू-स्खलन का नया जोन खुला गया है यहां कार्य करती हुए जेसीबी मलबे के साथ नीचे चली गई थी जिसे बमुश्किल निकला गया। अलबत्ता कोई जनहानि नहीं हुई। संवेदनशील स्थानों में दो दर्जन जेसीबी, पोकलेन्ड व व्हिल लोडर काम कर रहे हैं। इस दौरान इसके ऑपरेटर को रात दिन कार्य करने से उनकी नींद भी पूरी नहीं हो पाई हैं ।
अधिशासी अभियंता ने बताया कि स्वाला में दो सौ मीटर के दायरे में ऐसी भौगोलिक स्थिति पैदा हो गई है जहां स्थाई पुल बनाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं दिखाई दे रहा है। यह ऐसा स्थान बन गया है जहां भविष्य में थोड़ी सी बरसात वाहनों का चक्का जाम कर सकती है।

यहां भी किरोडा की तरह विकल्प तलाशा जा रहा है। उन्होंने बताया कि हालिया वर्षा से विभाग की लगभग पांच करोड रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है। डेढ़ सौ किलोमीटर के दायरे में 26 ऐसे संवेदनशील स्थान है, जहां भूस्खलन रोकने के स्थाई उपाय किए जा रहे हैं। कुछ ऐसे स्थान है जहां काफी ऊंचाई से मलवा पानी के साथ बहने से सड़क कीचड़ से लबालब हो रही है। ऐसे स्थानों में एनएच कर्मी पहाड़ी की ओर देख कर एक वाहन से दूसरे वाहन के बीच दूरी बनाकर उनकी आवाजाही कर रहे हैं। जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी को टाला जा सके ।

पल पल की जानकारी ले रहे हैं केन्द्रीय मंत्री अजय टम्टा।

चम्पावत। मुख्य राजमार्ग के लगातार बन्द होने पर क्षेत्रीय सांसद एवं केन्द्रीय राजमार्ग एवं परिवहन राज्यमंत्री अजय टम्टा लगातार सड़क की स्थिति की जानकारी ले रहे हैं। श्री टम्टा के अनुसार इस आपदा ने भविष्य की संभावनाओं के लिए उन्हें तैयार रहने का अल्टिमेटम दिया है कि किस प्रकार हम बेहतर प्रबंधन कर सीमांत एवं सामरिक महत्व की इस सड़क को चौबीसों घंटे यातायात के लिए खुला रख सके। इसके लिए अधिकारियों को प्रस्ताव देने को कहा जा रहा है।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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