देश के लिए मर मिटने का होता है सबसे बड़ा सौभाग्य – कमांडेंट।

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आईटीबीपी के वीर नंदन चम्याल की शहादत की दूसरी वर्षी में उनका किया गया भावपूर्ण स्मरण।

देश के लिए मर मिटने का होता है सबसे बड़ा सौभाग्य – कमांडेंट।

देवीधुरा। बाराही धाम के पखौटी गांव में आईटीबीपी के शहीद नंदन सिंह चम्याल की शहादत की दूसरी वर्षी पर आयोजित समारोह में उनका भावपूर्ण स्मरण कर उनकी जाबांजी को सैल्यूट किया गया। गांव में आयोजित वीर नंदन के मेमोरियल में सभी ने पुष्पांजलि देकर राष्ट्र के लिए उनके द्वारा दी गई शहादत को याद किया। हिमवीरो की ओर से आईटीबीपी की 36वीं वाहिनी के कमांडेंट डीपीएस रावत ने अपने जांबाज सैनिक की शहादत को सैल्यूट करते हुए कहा जीवन और मृत्यु शाश्वत सत्य है लेकिन उससे बड़ा सौभाग्यशाली दूसरा कोई नहीं होता है,जो देश की आन बान और शान के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर देते हैं। शहीद नंदन ने भी इस समूचे क्षेत्र का गौरव बढ़ाकर यह संदेश दिया है कि राष्ट्र के मान, सम्मान,स्वाभिमान के लिए यदि शहादत के बाद पुनर्जन्म होता है तो भगवान उन्हें इसी भारत भूमि की रक्षा के लिए भेजें।

कमांडेंट ने भावपूर्ण अंदाज में शहीद की माताश्री कलावती देवी,पिता लाल सिंह चम्याल एवं शहीद की वीरांगना के प्रति हृदय की गहराइयों से अपना सम्मान प्रकट करते हुए कहा कि भले ही सांसारिक मायामोह के वशीभूत होकर हम कुछ समय के लिए शोक में डूब जाते हैं लेकिन जब शहीद की शहादत को पूरा राष्ट्र सैल्यूट मारने लगता है तो जीवन साथी एवं माता पिता को भी गर्वानुभव होने लगता है कि हमने ऐसे वीर सपूत को जन्म दिया है,जिसने देश का मान-सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा शहीद नंदन का परिवार आईटीबीपी की ऐसी धरोहर बनी रहेगी,जिसे हम लगातार सहयोग एवं सम्मान देते रहेंगे।

इस अवसर पर बाराही मंदिर कमेटी के संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया,तहसीलदार श्री कठायत,चम्याल खाम प्रमुख गंगा सिंह चम्याल,पूर्व प्राचार्य भुवन चन्द्र जोशी, जीआईसी के प्रधानाचार्य डी सी जोशी, एसओ डी एन गोस्वामी,ग्राम प्रधान ईश्वर बिष्ट,गोकुल कोहली,तारा चम्याल,प्रकाश मेहरा,गिरीश बिष्ट,दीपक बिष्ट “परिवर्तन”,दिनेश चम्याल आदि तमाम लोग मौजूद थे।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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