सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर भीड़ का हिस्सा बनने के बजाय उनकी समस्याएं स्वतः हल।की जाएं – विधायक।

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सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर भीड़ का हिस्सा बनने के बजाय उनकी समस्याएं स्वतः हल।की जाएं – विधायक।

एससी, एसटी शिक्षक संगठन का सम्पन्न हुआ त्रिवार्षिक सम्मेलन।

लोहाघाट। आज बच्चों को शिक्षा से अधिक संस्कारों की जरूरत है। इंटरनेट जैसी आधुनिक सुविधा के जाल में उलझते जा रहे बच्चों को संस्कारों की शिक्षा दिए जाने से ही वह आधुनिक ज्ञान विज्ञान के सकारात्मक पहलुओं का दोहन कर अपना भविष्य सुनिश्चित कर सकेंगे। इस कार्य में शिक्षकों की अहम भूमिका है।

यह विचार विधायक खुशाल अधिकारी ने यहां आयोजित एस सी, एस टी संगठन के त्रिवार्षिक अधिवेशन में व्यक्त किए। उनका कहना था कि समाज में शिक्षक ही एकमात्र ऐसा वर्ग है जो मोमबत्ती की तरह जलकर दूसरों को रोशनी देते आ रहे हैं। शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को ऐसी कार्य संस्कृति विकसित करनी चाहिए जिससे उनकी समस्याओं का सरकार अंतताः संज्ञान लेकर निराकरण करे,जिससे शिक्षक विद्यालय छोड़कर आंदोलन का हिस्सा न बने। उन्होंने सामाजिक समरसता पर जोर देते हुए शिक्षकों की हर न्यायोचित समस्या को विधानसभा में उठने का भरोसा दिलाया।

संगठन के जिलाध्यक्ष मोहनलाल की अध्यक्षता में
हुए अधिवेशन में विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद एवं पीजी कॉलेज चंपावत के प्राचार्य डॉ चंद्र राम समेत विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, गोविंद वर्मा, सीईओ एम एस बिष्ट, सुरेंद्र कुमार ग्वासीकोटी, संजय टम्टा,सुनील टम्टा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। इस अवसर पर हुई शैक्षिक उन्नयन गोष्ठी में वक्ताओं ने राजकीय विद्यालयों में उच्च शैक्षिक स्तर होने के बावजूद घटती छात्रसंख्या पर चिंता जाहिर की कहा यदि सरकारी स्कूलों को सशक्त किया गया होता तो निजी विद्यालय की चकाचौंध का गरीबों के बच्चे शिकार न होते। इस व्यवस्था में सर्वाधिक एस सी, एस टी वर्ग के बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। सभी ने एकमत से
पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग की। इस अवसर पर मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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