बेनकाब चेहरे हैं दाग बड़े गहरे हैं राजनीतिक आपदा से गुजरती कांग्रेस
बयानवीर साबित हो रहे हैं कांग्रेस के बड़े नेता,निकाय चुनाव को लेकर नहीं दिख रही कोई सटीक रणनीति
बेनकाब चेहरे हैं दाग बड़े गहरे हैं
राजनीतिक आपदा से गुजरती कांग्रेस
उत्तराखंड में निकाय चुनाव सिर पर हैं, सत्तारूढ़ भाजपा अपने प्रभाव क्षेत्र में लगातार तैयारी में जुटे हैं और अभियान भी चला रहे हैं। वहीं दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस की ऐसी कोई विशेष तैयारी नजर नहीं आ रही जिससे महसूस हो कि चुनावी रणभूमि में कांग्रेस भाजपा को पटखनी देने वाली है।
ऐसा लगता ही नहीं कि कांग्रेस चुनावी मोड में आयी ही नहीं है। पार्टी के बड़े नेता बिना घरों से बाहर निकले बयानवीर बनकर हवा हवाई चुनावी गणित लगाने में जुटे हैं। जनता के बीच पहुंचने के चुनावी प्रचार के समय को गुटबाजी और अटकलों में बर्बाद करने में जुटे हैं। कांग्रेस पार्टी के तमाम नेता व कार्यकर्ता अपने गुट को मजबूत और दूसरे गुट हल्का बनाने में भीतरघात की तैयारी में लग गये हैं। कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश-खरोश ही नहीं दिख रहा कि जैसे प्रत्याशी चयन की जीत हार प्रत्याशी का व्यक्तित्व भविष्य हो। कार्यकर्ताओं का मकसद मात्र खानापूर्ति और प्रदेश के बड़े नेताओं को अपना चेहरा दिखाने तक सीमित रह गया है। जबकि टिकट की दौड़ के समय प्रदेश कांग्रेस की टीम के सामने नेता-कार्यकर्ताओं की धमाचौकड़ी मची थी।
कांग्रेस के जितने नेता टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे और देहरादून से दिल्ली तक दौड़-भाग कर रहे थे, टिकट वितरण के बाद उतने नेता यहां फील्ड में पार्टी को जिताने के लिए किसी तरह की तैयारी करते नहीं दिख रहे हैं। वैसे टिकट के जितने भी दावेदार मिलते हैं, सभी यही कहते हैं फील्ड में उन्होंने ढेरे काम किया है, सभी खुद को जनता से करीब बताते हैं। प्रदेश की जनता की समस्याओं और जमीनी मुद्दों का प्रचार-प्रसार विपक्षी दल को निकाय चुनाव में कांग्रेस के लिए भविष्य के रास्ते खो सकता है। परन्तु हमेशा की तरह कांग्रेस इसमें भी फिसड्डी साबित हो रही है। कांग्रेस न तो सरकार द्वारा किये कार्यों में गुणवत्ता जांच पा रही है और ना ही पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कामों को जनता तक पहुंचा कर उनका श्रेय अपने पक्ष में ले पा रही है।
पार्टी में गुटबाजी से कांग्रेस दमदार ढंग से चुनाव प्रचार में उतर ही नहीं पा रही है। वहीं दूसरी ओर भाजपा लगातार विपक्ष पर निशाना साध ही रही है और कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कांग्रेस के कुशासन राज की पोल खोलने पर आमादा है। अब आने वाला वक्त और स्थानीय निकाय के चुनाव परिणाम ही बतायेंगे कि प्रदेश में भावी विधानसभा चुनाव किसके पक्ष में होगें।