खून से खत लिखकर शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को सुनाई अपनी व्यथा, 28 सितंबर को श्रीनगर गढ़वाल में होगा विशाल प्रदर्शन

खून से खत लिखकर शिक्षकों ने प्रधानमंत्री को सुनाई अपनी व्यथा, 28 सितंबर को श्रीनगर गढ़वाल में होगा विशाल प्रदर्शन
संवाददाता ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह
उत्तरकाशी। राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर प्रदेशभर के शिक्षकों ने अपनी लंबित मांगों के समाधान न होने पर सरकार के खिलाफ आंदोलन को और तेज कर दिया है। विगत माह 18 अगस्त 2025 से चरणबद्ध आंदोलनरत शिक्षक अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से पत्र लिखकर अपना दर्द बयां कर रहे हैं।
शिक्षकों की मुख्य मांगों में सभी स्तरों पर शत-प्रतिशत पदोन्नति, विभागीय सीधी भर्ती परीक्षा नियमावली को निरस्त करना, स्थानांतरण प्रक्रिया को बहाल करना और अन्य 34 सूत्रीय मांगों का निस्तारण शामिल है।
जनपद उत्तरकाशी के शिक्षकों ने भी इस क्रम में 24, 25 और 26 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री को अपने खून से लिखे पत्र भेजकर अपनी व्यथा सुनाई।
राजकीय शिक्षक संघ उत्तरकाशी के जिलाध्यक्ष ने कहा कि “हजारों शिक्षक अपने खून से प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं। यह शिक्षकों के दर्द और निराशा की पराकाष्ठा है। प्रदेश सरकार एक माह से अधिक समय से आंदोलन कर रहे शिक्षकों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है, जबकि बार-बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
संघ के जिलामंत्री बलवंत असवाल ने कहा कि जब तक शिक्षकों की सभी न्यायोचित मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने घोषणा की कि आंदोलन के अगले चरण में आगामी रविवार, 28 सितंबर 2025 को श्रीनगर गढ़वाल में गढ़वाल मंडल के सात जिलों के शिक्षकों की विशाल रैली आयोजित की जाएगी। इस रैली में शिक्षामंत्री के आवास के घेराव का कार्यक्रम भी शामिल होगा।
जिलामंत्री बलवंत असवाल ने उत्तरकाशी जनपद के सभी शिक्षकों से श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित होने वाली रैली में शत-प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा यह हक़ की लड़ाई है, इसमें निमंत्रण नहीं भेजे जाते। जिसका ज़मीर जिंदा है, वह खुद चले आता है। राजकीय शिक्षक संघ जिंदाबाद, शिक्षक एकता जिंदाबाद।
प्रदेशभर में शिक्षकों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है और अब आंदोलन निर्णायक चरण की ओर अग्रसर दिखाई दे रहा है।

