रेलवे में स्टेशन पुनर्विकास आधुनिक भारत की ओर बढ़ते कदम

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रेलवे में स्टेशन पुनर्विकास
आधुनिक भारत की ओर बढ़ते कदम

जोधपुर। भारतीय रेलवे देश की जीवनरेखा मानी जाती है,जो करोड़ों यात्रियों को प्रतिदिन एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने का कार्य करती है। समय के साथ बढ़ती जनसंख्या,यात्री सुविधाओं की मांग और वैश्विक मानकों के अनुरूप बुनियादी ढांचे की आवश्यकता ने रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास करने की प्रक्रिया को बल प्रदान किया है। यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए,भारतीय रेलवे ने देश भर में रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है।

भारत सरकार ने “अमृत भारत स्टेशन योजना“ के तहत देश के 1300 से अधिक रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की योजना बनाई है। इस योजना का उद्देश्य यात्रियों को एक बेहतर अनुभव प्रदान करना और स्टेशन को सिटी सेन्टर के रूप में विकसित करना है।

राजस्थान के 85 स्टेशनों का लगभग 4000 करोड़ रुपए की लागत के साथ अमृत स्टेशन योजना के अन्तर्गत पुनर्विकास किया जा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री 22 मई को देश के 103 अमृत स्टेशनों का उद्घाटन करेंगे। इसमें राजस्थान के 08 स्टेशन (फतेहपुर शेखावाटी, देशनोक,बूंदी,मांडलगढ़,गोगामेड़ी, राजगढ़,गोविंद गढ़ और मंडावर महुवा रोड) शामिल हैं।

देशनोक रेलवे स्टेशन:-
अमृत स्टेशन योजना के तहत देशनोक स्टेशन का लगभग 14 करोड़ रुपये से पुनर्विकास कार्य किया गया है। देशनोक,राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जो विशेष रूप से करणी माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। करणी माता मंदिर,देशनोक न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है,बल्कि यह राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और अनूठी परंपराओं का भी प्रतीक है। देशनोक स्टेशन पर यात्री सुविधाओं में विस्तार करने के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन बिल्डिंग का नवीनीकरण कर इसमें सुधार किया गया है। स्टेशन पुनर्विकास से अब स्टेशन बिल्डिंग में पर्याप्त स्थान उपलब्ध हुआ है। स्टेशन बिल्डिंग में बेहतर यात्री सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए समुचित क्षेत्र में टिकटिंग सुविधा और बडा वेटिंग हॉल उपलब्ध करवाया गया है।

देशनोक स्टेशन पर सर्कुलेटिंग एरिया के सुनियोजित विकास, आगमन और प्रस्थान की बेहतर व्यवस्था और पार्किंग स्पेस में सुधार किया गया है। इसके साथ ही प्लेटफार्म पर प्रतीक्षा करने वाले यात्रियों के लिए प्लेटफार्म शेल्टर प्रदान किए गए है,जो गर्मी और बरसात के मौसम में यात्रियों को सुविधा प्रदान करेंगे। उपयोगकर्ताओं को स्वच्छ और आरामदायक अनुभव प्रदान करने के लिए आधुनिक शौचालयों का निर्माण व सुधार किया गया है। नए स्टेशन भवन पर पोर्च का निर्माण, सर्कुलेटिंग एरिया का विकास, पर्याप्त और सुव्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था,प्रवेश हॉल,वेटिंग हॉल, स्टेशन भवन के अग्रभाग का सुधार, नए प्लेटफार्म शेल्टर,दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं के साथ नए शौचालय ब्लॉक और पानी के बूथ, बेहतर साइनेज,प्लेटफार्म पर कोच इंडिकेशन बोर्ड शामिल है।

राजगढ़ रेलवे स्टेशन:
अमृत स्टेशन योजना के तहत राजगढ़ स्टेशन का लगभग 13 करोड़ रुपये से पुनर्विकास कार्य किया गया है। यात्री सुविधाओं में विस्तार करने के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन बिल्डिंग का नवीनीकरण कर इसमें सुधार किया गया है। स्टेशन पुनर्विकास से अब स्टेशन बिल्डिंग में पर्याप्त स्थान उपलब्ध हुआ है। स्टेशन बिल्डिंग में बेहतर यात्री सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए समुचित क्षेत्र में टिकटिंग सुविधा और बडा वेटिंग हॉल उपलब्ध करवाया गया है।

राजगढ़ स्टेशन पर जो यात्री सुविधाएं विकसित की गई है उनमें प्रवेश और निकास द्वार पर पोर्च का निर्माण,सर्कुलेटिंग एरिया का विकास,पर्याप्त और सुव्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था,नए प्लेटफार्म शेल्टर,दिव्यांगजन के लिए सुविधाओं के साथ बेहतर साइनेज, प्लेटफार्म पर कोच इंडिकेशन बोर्ड और 12 मीटर चौड़ा एफओबी शामिल है।

गोगामेड़ी रेलवे स्टेशन:-
अमृत स्टेशन योजना के तहत गोगामेड़ी स्टेशन को लगभग 14 करोड़ रुपये से पुनर्विकसित किया गया है। गोगामेड़ी न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है,बल्कि यह राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और अनूठी परंपराओं का भी प्रतीक है। गोगामेड़ी स्टेशन पर यात्री सुविधाओं में विस्तार करने के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन बिल्डिंग का नवीनीकरण कर इसमें सुधार किया गया है।

गोगामेड़ी स्टेशन पर सर्कुलेटिंग एरिया के सुनियोजित विकास, आगमन और प्रस्थान की बेहतर व्यवस्था और पार्किंग स्पेस में सुधार किया गया है। उपयोगकर्ताओं को स्वच्छ और आरामदायक अनुभव प्रदान करने के लिए आधुनिक शौचालयों का निर्माण व सुधार किया गया है। स्टेशन भवन के अग्रभाग का सुधार,नए प्लेटफार्म शेल्टर,दिव्यांगजन के लिए सुविधाओं के साथ बेहतर साइनेज, प्लेटफार्म पर कोच इंडिकेशन बोर्ड और फुट ओवर ब्रिज शामिल है।

फतेहपुर शेखावाटी रेलवे स्टेशन:-
अमृत स्टेशन योजना के तहत फतेहपुर शेखावाटी स्टेशन को लगभग 16 करोड़ रुपये से पुनर्विकसित किया गया है। राजस्थान राज्य का शेखावाटी परिक्षेत्र अपनी ऐतिहासिक धरोहर के कारण सम्पूर्ण विश्व पटल पर अपनी अनूठी पहचान रखता है।
फतेहपुर शेखावाटी स्टेशन के पुनर्विकास से अब स्टेशन बिल्डिंग में पर्याप्त स्थान उपलब्ध हुआ है।

स्टेशन बिल्डिंग में बेहतर यात्री सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए बडा वेटिंग हॉल उपलब्ध करवाया गया है। फतेहपुर शेखावाटी स्टेशन पर सर्कुलेटिंग एरिया के सुनियोजित विकास,आगमन और प्रस्थान की बेहतर व्यवस्था और पार्किंग स्पेस में सुधार किया गया है। स्टेशन पर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म में सुगमता के साथ आवागमन के लिए फुट ओवर ब्रिज की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।

गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास:-
गोविंदगढ़ रेलवे स्टेशन को लगभग 4 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। पुनर्विकसित स्टेशन भवन को विस्तारित करने के साथ ही सुंदर और आकर्षक बनाया गया है। सर्कुलेटिंग एरिया को विस्तारित कर यात्रियों के लिए बेहद सुविधाजनक बनाया गया है।

यात्री प्रतीक्षालय में यात्रियों के लिए नए फर्नीचर के साथ इसे आरामदायक बनाया गया है। नवनिर्मित भवन में दिव्यांगजनों के लिए शौचालय,टिकटिंग क्षेत्र और रैंप बनाए गए हैं। स्टेशन पर नए डिजिटल साइनेज बोर्ड,जिनमें टीआईबी शामिल है।

मंडावर महुवा रेलवे स्टेशन:-
अमृत स्टेशन योजना के तहत आगरा-बांदीकुई रेल मार्ग पर स्थित मंडावर महुवा रेलवे स्टेशन को लगभग 3 करोड़ रुपये से पुनर्विकसित किया गया है। इस परियोजना के तहत स्टेशन भवन को विस्तारित करने के साथ ही रेनोवेट करते हुए आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया गया है। इस कार्य के अंतर्गत नया सर्कुलेटिंग एरिया बनाया गया है। स्टेशन पर पुराने सौचालयों में सुधार के साथ ही नए टॉयलेट भी बनाए गए हैं। यात्री प्रतीक्षालय को भी रेनोवेट कर यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाया गया है।दिव्यांगजन को सुविधाएं देने के क्रम में शौचालय,नई टिकट खिड़की और रैंप बनाए गए हैं । स्टेशन पर प्लेटफ़ॉर्म शेल्टर की व्यवस्था की गई है साथ ही नए डिजिटल साइनेज लगाए गए हैं।

मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन:
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन को 5 करोड़ से अधिक की लागत से अत्याधुनिक एवं विश्वस्तरीय यात्री सुविधाओं के साथ पुनर्विकसित किया गया है। मेवाड़ के शौर्य का साक्षी रहा मांडलगढ़ अब सशक्त भारत की दिशा में भारतीय रेल के योगदान का भी प्रतीक बन गया है।

मांडलगढ़ स्टेशन भवन के पुनर्विकास से इसे नया लुक मिला है,नया वेटिंग हॉल,कियोस्क एरिया, नया प्रवेश एवं निकास द्वार,सेल्फी प्वाइंट और हरे भरे क्षेत्र ने इसकी भव्यता को नया आयाम दिया है। ओवरशेड,रैंप,लॉबी और प्रतीक्षालय का नया इंटीरियर्स इसे राजमहलों जैसा अनुभव देता हैI स्टेशन अब मॉडर्न और दिव्यांगजन अनुकूल शौचालयों से सुसज्जित है। सर्कुलेटिंग एरिया में पृथक-पृथक नौ मीटर चौड़े मार्ग पर प्रवेश और निकास द्वारों का प्रावधान किया गया है,फाउंटेन,डिवाइडर और पत्थर की नक्काशी से सौन्दर्यीकरण किया गया है। प्लेटफॉर्म्स पर कोटा फ्लोरिंग के साथ जाली और छतरी का अपग्रेडेशन इसके सांस्कृतिक महत्व को प्रेरित करता है।

बूंदी रेलवे स्टेशन:
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत बूंदी रेलवे स्टेशन को 8 करोड़ से अधिक की लागत से अत्याधुनिक एवं विश्वस्तरीय यात्री सुविधाओं के साथ पुनर्विकसित किया गया है। इस स्टेशन पर प्लेटफार्म की बेहतर सतह के साथ हाई लेवल प्लेटफॉर्म सुविधा का प्रावधान किया गया है। साथ ही स्टेशन पर खूबसूरत एंट्रेंस पोर्च,स्टोन क्लैडिंग,कवर शेड,वाटर बूथ,बुकिंग काउंटर,वेटिंग हॉल, प्लेटफार्म शेल्टर और कोटा स्टोन फ्लोरिंग जैसी आधुनिक यात्री सुविधाएँ भी प्रदान की गई हैं।

यात्रियों की सुविधा के लिए सभी प्रतीक्षालयों में शौचालयों के नवीनीकरण के साथ अत्याधुनिक स्वरुप दिया गया है। दिव्यांगजनों और वृद्धजनों के लिए रैंप,बुकिंग काउंटर,शौचालय और जल बूथ जैसी विशेष व्यवस्थाओं के साथ विशाल पार्किंग सुविधा भी उपलब्ध है।

अमृत स्टेशन योजना के तहत रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास से राजस्थान के सामाजिक,सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास में बढ़ोत्तरी होगी, साथ ही अमृत स्टेशन राजस्थान की सांस्कृतिक गरिमा और आधुनिकता के प्रतीक बनेंगे और क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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