प्रदेश सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है: विधायक

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*प्रदेश सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है: विधायक*

◆ सादगी के साथ मनाया गया राज्य स्थापना दिवस
◆ मार्चुला बस हादसे के दिवंगतों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया

◆ उत्तराखंड आंदोलनकारियों व परिजनों को किया सम्मानित

पौड़ी(चन्द्रपाल सिंह चन्द) उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की 25 वीं वर्षगांठ को रजत जयंती के रूप में सादगी के साथ मनाया गया। जिला मुख्यालय स्थित रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय विधायक ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के चित्रों पर पुष्प अर्पित करते हुए दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इससे पूर्व स्थानीय विधायक व जिलाधिकारी सहित अन्य ने एजेंसी चौक शहीद स्मारक व कण्डोलिया स्थित सीडीएस बिपिन रावत पार्क में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान मुख्य कार्यक्रम स्थल रामलीला मैदान में मार्चुला में हुए बस हादसे में दिवंगतों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा गया।

राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर रामलीला मैदान में मुख्य अतिथियों द्वारा उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों व उनके परिजनों को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान एलईडी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल गुरमीत सिंह व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भाषण को सुना गया।

इससे पूर्व विधायक राजकुमार पोरी ने मुख्य कार्यक्रम स्थल पहुंचकर विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया। विधायक पोरी ने अपने संबोधन में कहा कि पौड़ी जनपद ऐतिहासिक होने के साथ साथ उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन की आधार भूमि है। यहीं से उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन की मांग की चिंगारी उठी थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य आन्दोलनकारियों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य बनने के बाद जनपद के दूरस्थ गांवों के आखरी व्यक्ति तक प्रदेश व केंद्र सरकार की योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है साथ ही जरुरतमंद व पात्र व्यक्ति को इनका भरपूर लाभ मिल पा रहा है।

भाजपा सरकारें जनता के हित में कार्य कर रही हैं।
गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अण्थवाल ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान पौड़ी से ही आंदोलन की शुरूआत हुई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हर एक नागरिक आंदोलनकारी है। इस आंदोलन ने जन आंदोलन का रूप लिया था। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर, मंसूरी, खटीमा, देहरादून व श्रीनगर सहित अलग -अलग स्थानों पर आंदोलनकारियों के साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार हुए थे। आज उत्तराखंड नित नये विकास के कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य बनाने में राज्य आंदोलनकारियों की अहम भूमिका रही है। कहा कि राज्य जिस तरह से इन 25 वर्षों में विकास की ओर बढ़ा है उसी तरह अगले 25 वर्षों में प्रदेश देश -विदेशों में एक अलग पहचान बनायेगा।

राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अतिथिगणों द्वारा दस दिव्यांगजनों को कृत्रिम उपकरण, बीस किशोरी किट, छह लखपति दीदीयों को प्रमाणपत्र व पांच सीसीएल समूहों को आभासी चेक व रीप द्वारा व्यक्तिगत उद्यम स्थापना हेतु पांच लाभार्थियों को चेक वितरण किये गये।

इसके अलावा निबंध प्रतियोगिता में ऐश्वर्या प्रथम, मोनाली द्वितीय व आस्था तृतीय स्थान पर रही। जिन्हें अतिथियों द्वारा पुरस्कार भेंट कर सम्मानित किया गया।
वहीं स्वच्छता अभियान में बेहतर कार्य करने पर बीरा भंडारी व उनकी टीम को भी सम्मानित भी किया गया। साथ ही विभागीय कार्यों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी -कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर उत्तराखंड श्रम बोर्ड के सदस्य संपत रावत, भाजपा जिलाध्यक्ष सुषमा रावत, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र सेठ, सीएमओ डॉ. प्रवीण कुमार, उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा, मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार यादव, डीएसटीईओ राम सलोने व पूर्ति अधिकारी वरूण कुमार वर्मा सहित आंदोलनकारी, विभागीय अधिकारी, कर्मचारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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