बारिश में निकल रहे हैं सांप, सर्पदंश से बचें

जिला अस्पताल में इलाज को पहुंचे दर्जनों सर्पदंश के केस

खबर शेयर करें -

बारिश में निकल रहे हैं सांप, सर्पदंश से बचें
बारिश की वजह से जगह-जगह पानी भरने से सांपों के आशियाने छिन रहे हैं। इससे सांप सूखी जमीन की तलाश में घरों की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में वे अपना गुस्सा लोगों पर उतार रहे हैं, जिससे सांप काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। बारिश शुरू होने के बाद से खेत खलिहानों में जलभराव हो गया है। हर तरफ पानी हो जाने के कारण सांपों ने घरों की तरफ रुख कर लिया हैं। बारिश शुरू होने और जलभराव के बाद से एकाएक सांप के काटने के मामले बढ़ गए हैं। किसी को खेत में सांप ने काटा तो किसी को घर में और किसी को पशुबाड़े में काटा। इससे क्षेत्र में सांप की छल्लाधारी, चश्माधारी, काला नाग, कोबरा, वाइपर आदि प्रजातियां पाई जाती हैं। चश्माधारी प्रजाति धान के खेत, बिटोरे, चूहे के बिल में आशियाना बनाते है। जबकि अन्य प्रजातियां बिलों में रहती हैं। चिकित्सकों के मुताबिक जहर से कम, लेकिन घबराहट से अधिक मौतें होती है। सबसे पहले पीड़ित को लिटा दें और अस्पताल पहुंचाएं। सांप को अच्छी तरह से देखने और पहचानने की कोशिश करें, जिससे डॉक्टर को सही जानकारी दें सकें और इलाज हो सके। मरीज को शांत रखने की कोशिश करें, उत्तेजित होने पर रक्तचाप बढ़ने से जहर फैलता है।
पीड़ित व्यक्ति के शरीर से घड़ी, कड़ा, कंगन, अंगूठी आदि तत्काल उतार दें। व्यक्ति को सोने न दें और बेहोशी की हालत में उनकी सांसों पर ध्यान दें।।
सांप डंसने के ये हैं लक्षण
– सांप डंसने वाले स्थान पर त्रिभुज जैसा निशान बन जाता है
– काटने वाले स्थान पर तेजी से सूजन होने लगती है
– मिचली शुरू हो जाती है
– आंखें बंद होने लगतीं हैं। शरीर के जोड़ों में ऐंठन और तेज दर्द होने लगता है।
– जहरीले सांप के काटने के बाद शरीर पर नीला पड़ने का असर दिखने लगता है
सर्पदंश से बचाव
– सांप के काटने के बाद दौड़ भाग न करें। खून का दौरा बढ़ने पर जहर तेजी से फैलता है
– दंशित जगह को हिलाएं डुलाएं नहीं, पैर में काटा हो तो लेट जाएं
– हाथ में काटा हो तो पट्टी बांधकर हाथ लटका दें
– जहर का फैलाव रोकने हेतु दंश स्थल के ऊपर रुमाल-रस्सी से बांध दें
– बंध को अधिक कस कर न बांधे, इससे गैंगरीन होने का खतरा रहता है
– सर्प दंश की जगह को काटें नहीं, इंफेक्शन व अधिक रक्त स्राव हो सकता है
– दंश स्थल को एंटीसेफ्टिक अथवा सादे पानी से धोएं

सांप की सभी प्रजातियां जहरीली नहीं होती। पीड़ित को उपचार के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे तथा ओझा, तांत्रिक, बायगीर के चक्कर में न पड़ें।

Ad
Ad

दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

Related Articles