अपने दमदार कार्यों के बल पर बार काउंसिल चुनाव में उतरे साह

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अपने दमदार कार्यों के बल पर बार काउंसिल चुनाव में उतरे साह।

अधिवक्ताओं की मर्यादा और गरिमा सर्वोच्च प्राथमिकता।

नैनीताल। उत्तराखंड बार काउंसिल चुनाव की तैयारी के बीच वरिष्ठ अधिवक्ता एवं नैनीताल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नीरज साह ने अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर चुनावी माहौल को अत्यंत रोचक बना दिया है सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार राज्य में बार काउंसिल के चुनाव 31 मार्च से पहले होने निर्धारित हैं ऐसे में साह ने अपने सुदृढ़ कार्यकाल उपलब्धियों और अधिवक्ता हितों को आधार बनाते हुए चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है।

प्रदेश के विभिन्न जनपदों नैनीताल हल्द्वानी रामनगर अल्मोड़ा बागेश्वर चंपावत पिथौरागढ़ उधमसिंहनगर सहित गढ़वाल मंडल से बड़ी संख्या में अधिवक्ता नीरज साह के समर्थन में लामबंद दिख रहे हैं नैनीताल बार एसोसिएशन के वर्तमान एवं पूर्व पदाधिकारियों ने बताया कि साह के अध्यक्षीय कार्यकाल में अधिवक्ताओं के हितों में कई ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व निर्णय लिए गए जिसमे नैनीताल बार की दशकों पुरानी मांग अधिवक्ता चैंबरों का निर्माण साह के नेतृत्व में मूर्त रूप ले सकी लगभग 45 लाख रुपये की लागत से आधुनिक अधिवक्ता चैंबरों का निर्माण कराया गया जो नैनीताल बार के इतिहास की एक उल्लेखनीय उपलब्धि मानी जा रही है जहां आज भी प्रदेश की कई बार एसोसिएशन चैंबर निर्माण की मांग को लेकर संघर्षरत हैं वहीं नैनीताल बार के अधिवक्ताओं को “स्वाभिमान भवन” के रूप में स्थायी और आधुनिक भवन का उपहार मिल चुका है नीरज साह ने बताया कि अपने कार्यकाल में अधिवक्ताओं के सहयोग और एकजुटता से कई ऐसे कार्य पूरे हुए जिन्हें लंबे समय तक असंभव माना जाता रहा साथी अधिवक्ताओं के आग्रह स्नेह और विश्वास के चलते ही उन्हें चुनावी मैदान में उतरने की प्रेरणा मिली है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह चुनाव उनके लिए केवल एक पद ना होकर अधिवक्ता समुदाय की गरिमा अधिकार और सम्मानजनक प्रतिनिधित्व का संकल्प है साह ने कहा कि यदि अधिवक्ताओं का समर्थन उन्हें बार काउंसिल में प्रतिनिधित्व का अवसर देता है तो वे अधिवक्ता हितों की रक्षा उन्नति और मजबूत आवाज के लिए पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करेंगे उन्होंने एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार तथा अधिवक्ताओं की गरिमा और मर्यादा को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखने की बात कही।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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