संक्रमण के रास्ते आती हैं बरसाती बीमारियां

सावधान सेहत का रखे ख्याल, भारी पड़ जायेगी लापरवाही

खबर शेयर करें -

मानसून के दौरान कई तरह के जीवाणु और मच्छरों का हमला अपने चरम पर होता है। इसकी वजह से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बेहद जोखिम वाली बीमारियों का फैलाव आम हो जाता है। इन सभी में आमतौर पर बुखार, कमजोरी, शरीर में दर्द जैसे लक्षण सामान्य रूप से दिखते हैं, मगर इसके अलावा कुछ लक्षण ऐसे भी हो सकते हैं, जो गंभीर नहीं दिखते हैं, मगर उनका असर घातक हो सकता है। मसलन, खून की प्रकृति में बदलाव, जो शरीर में अन्य जटिल रोगों का कारण बनता है। हालांकि यह भी सच है कि संक्रमण से बचाव के कुछ इंतजाम करके इन रोगों से खुद को बचाया जा सकता है।

डेंगू का डंक

शहरों-महानगरों में पिछले कुछ वर्षों से यह बीमारी कहर मचाती रही है। हर वर्ष इससे संक्रमित कई लोगों की जान चली जाती है। आमतौर पर यह बीमारी मादा एडीज मच्छरों के काटने से होती है। इसके लक्षणों में तेज बुखार के बाद शरीर में दर्द मुख्य है। अत्यधिक पसीना और सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मतली, उल्टी, थकान, चकत्ते और निम्न रक्तचाप आदि भी अन्य लक्षण हैं। अगर संक्रमण ने गंभीर शक्ल अख्तियार कर लिया, तो रोगियों को पेशाब की परेशानी और सांस फूलने की समस्या भी हो सकती है। सबसे खतरनाक होता है प्लेटलेट की गिनती में गिरावट। समय रहते ध्यान नहीं दिया जाए तो यह घातक हो सकता है।

चिकनगुनिया के पांव

मादा एडीज मच्छरों के ही जरिए पांव फैलाने वाली चिकनगुनिया भी आमतौर कूलर, पौधों और पानी के पाइपों में पाए जाते हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति को जोड़ों में तेज दर्द, तेज बुखार, थकान और शरीर में ठंडक जैसे लक्षण महसूस होते हैं। यह रोग अगर जटिल रूप लेता तब इससे आंखों की रेटिना, हृदय की मांसपेशियों, यकृत, गुर्दे में सूजन हो सकता है।

मलेरिया की मार

मलेरिया भी मानसून के मौसम में मच्छरों से फैलता है। तेज बुखार, कंपकंपी और शरीर का ठंडा होना, जरूरत से ज्यादा पसीना आना और गंभीर एनीमिया इस रोग के मुख्य लक्षण हैं। अगर इन लक्षणों पर गौर करके जरूरी इलाज नहीं कराया जाए तो यह सेरेब्रल मलेरिया जैसी सेहत की परेशानी के रूप में तब्दील हो जा सकता है, जिससे कई बार रोगियों की मौत हो जाती है।

टायफाइड का दायरा

अत्यधिक संक्रामक बीमारियों में एक का नाम टायफाइड है, जो सामान्य स्थितियों में दूषित भोजन और पानी की वजह से होता है। लंबे समय तक तेज बुखार, कमजोरी, पेट दर्द, भूख कम लगना आदि इसके मुख्य लक्षण हैं।

बचाव का उपाय

बरसात के मौसम में फलने-फूलने वाली इन बीमारियों से बचने का सबसे आसान उपाय यह है कि संक्रमण की हर स्थिति को रोका जाए और खुद को संक्रमण से बचाया जाए। सबसे पहले साफ-सफाई करके मच्छरों के पनपने का रास्ता बंद करना चाहिए। इसके बाद इस दौरान ज्यादा पौष्टिक भोजन करना चाहिए और जंक फूड या डिब्बाबंद खाने से बचने की जरूरत है। हमेशा शरीर में पर्याप्त पानी की मात्रा पूरी करनी चाहिए और साफ पानी पीना चाहिए। रोग प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने के लिए जो भी संभव हो, करना चाहिए, क्योंकि यही सबसे कारगर बचाव होता है। मच्छर से बचाव के लिए क्रीम या फिर सबसे बेहत मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।

Ad
Ad

Related Articles