पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के अंतर्गत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी: डीजीएमओ


नई दिल्ली। आपरेशन सिंदूर के बाद भारत की पाक पर की गई सैन्य कारवाई के बाद पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष और उसके बाद हुए सीजफायर का उल्लंघन पाकिस्तान की ओर से किया गया। संघर्ष विराम के उल्लंघन से उपजे स्थिति पर भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया। जिसके बाद रविवार को राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में सशस्त्र बलों के प्रमुखों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर जानकारी मीडिया से साझा की।
22 अप्रैल के हमले का संदर्भ:-
पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
इसे पूरे देश में देखी गई क्रूरता के बाद निर्णायक सैन्य कार्रवाई के निर्णय लिए गए।
सीसीएस द्वारा उठाए गए कदम:–
मंत्रिमंडल की सुरक्षा कार्य समिति (सीसीएस) ने इस हमले के उत्तर में इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए उपाय करने का निर्णय लिया। जिसमें वर्ष 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित की गई जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को समाप्त नहीं कर देता। एकीकृत जांच चौकी अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा।जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 01 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।
पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के अंतर्गत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य,नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया है। उच्चायोगों में तैनात कर्मियों की कुल संख्या को 01 मई 2025 तक और कटौती के माध्यम से वर्तमान 55 से घटाकर 30 कर दिया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य:-
आपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादी घटना के अपराधियों और षड्यंत्रकर्ताओं को दंडित करने के लिए बनाया गया था। सीमा पार आतंकी ढांचे को नष्ट करने का लक्ष्य।
खुफिया जानकारी और लक्ष्य का चयन:–
आतंकी परिदृश्य का सूक्ष्म निरीक्षण किया गया। कई आतंकी शिविरों और प्रशिक्षण स्थलों की पहचान की गई।
परिचालन नैतिकता और संयम:–
अनावश्यक क्षति से बचने के लिए स्व-निर्धारित आत्म संयम के अंतर्गत काम किया गया। केवल आतंकवादी ठिकानों को बेअसर करना था,ताकि नागरिक क्षति से बचा जा सके।
अंतिम लक्ष्य:-
बहु-एजेंसी खुफिया जानकारी के आधार पर 9 आतंकी शिविरों की पुष्टि की गई।
मुख्य लक्ष्य:–
बहावलपुर (आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर) मुरीद के (एक अन्य प्रमुख आतंकवादी प्रशिक्षण स्थल)लक्ष्य था।
हमले के परिणाम:-
इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तान के 11 एयरबेस नष्ट हो गए। पाकिस्तान की घुसपैठ के जवाब में भारतीय सेना ने भारी नुकसान पहुंचाया।
मारे गए प्रमुख आतंकियों में शामिल हैं:-
● यूसुफ अजहर
● अब्दुल मलिक रऊफ
● मुदस्सिर अहमद
● ये लोग आईसी-814 विमान अपहरण और पुलवामा विस्फोट से जुड़े थे।
भारत की जवाबी कार्रवाई:-
भारत ने जवाबी कार्रवाई में यहां हमले किये:-
● लाहौर में रडार प्रतिष्ठान
● गुजरांवाला के पास रडार सुविधाएं नष्ट कर दी गईं।
युद्ध विराम की उल्टी गिनती:–
इस भारी क्षति से आहत होकर पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) ने भारतीय डीजीएमओ से टेलीफोन पर बात की और उनके बीच सहमति बनी कि दोनों पक्ष 10 मई 2025 को भारतीय मानक समय के अनुसार 1700 बजे से जमीन,हवा और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे।
युद्ध विराम के बाद पाकिस्तानी प्रतिक्रिया:-
युद्ध विराम के बाद भी पाकिस्तान ने यूएवी और छोटे ड्रोनों की एक खेप से भारतीय नागरिक और सैन्य क्षेत्रों में हमले करने जारी रखे। इन ड्रोनों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया।
भारत की प्रतिक्रिया:-
भारतीय सशस्त्र बलों ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके अलावा,सभी फील्ड कमांडरों को किसी भी संघर्ष विराम उल्लंघन के मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है।


