बिजली चोर पर अधिकारी दिखा रहे हैं बड़ी दरियादिली

बिजली चोर पर अधिकारी दिखा रहे हैं बड़ी दरियादिली
अब खुद को हज़ारों का चूना लगाने की जुगत में जुटा विद्युत विभाग
नारायण सिंह रावत, वरिष्ठ पत्रकार
सितारगंज। ‘ऊपर वाला मेहरबान तो गधा पहलवान’ की कहावत को यहां विद्युत विभाग अक्षरषः चरितार्थ कर रहा है। विद्युत विभाग अपने इस बिजली ठेकेदार पर इतना मेहरवान है कि
इसके खिलाफ पुलिस रिर्पोट लिखवाना तो दूर, करीब 50 हजार रूपये का विभाग को ही चुना लगा दिया। प्रश्न यह भी है कि आखिर आम आदमी पर जरा भी दया-भाव न दिखाने वाला विद्युत विभाग इस ठेकेदार आखिर इतना दयाशील क्यों है?
बताते चले कि सितारगंज की बिजली कालोनी में विद्युत विभाग को एक ठेकेदार सुशील चौहान रहता है। उसकी पत्नी चेतना चौहान के नाम से बिजली विभाग ने 2017 में कनेक्शन नम्बर 882H142197647 जारी किया था। कनेक्शन लेने के साथ ही उसका बिल आना बंद हो गया। 18 अक्टूबर 2018 को उसे 1559 रुपये का बिल जारी किया गया। इसके बाद 17 अगस्त 2022 को अंतिम बिल ऊर्जा निगम की ओर से दिया गया। इस बीच ऊर्जा निगम के अधिकारी कर्मचारी उसके उसके ऊपर मेहरबान रहे। हर बार उसका री बिल होता रहा। इसके अलावा कई बार एडजस्टमेंट दिखाया गया।
शिकायत पर ऊर्जा निगम की विजिलेंस ने अपने इस विभागीय ठेकेदार के घर छापा मारा। इस दौरान अधिकारियों ने ठेकेदार को फटकार लगाई और कहा कि विभागीय जानकारी होने के बाद भी नियमों के विपरीत काम करना गलत है। उन्होंने तत्काल स्मार्ट मीटर लगाने और पिछला पूरा बकाया बिल देने के निर्देश दिए। टीम में सहायक अभियंता अमित आर्य, एसडीओ राजेन्द्र प्रसाद पाठक और जेई महेंद्र सिंह शामिल थे।
इधर, सूत्रों ने बताया कि अब विभाग अपने इस चहेते ठेकेदार पर दरियादिली दिखाते हुए करीब 50 हजार रूपये में लीपापोती करने में लगा हुआ है। जबकि 8 वर्ष यानी 96 माह में अगर न्यूनतम बिल 1500 का हो तो 1 लाख 44 हजार अगर 1000 के हिसाब से देखा जाए 96 माह 96 हजार हो रहा है। इतना ही नहीं, विभाग ने इस ठेकेदार के विरूद्व कोई भी कानुनी कार्यवाही करना तो दूर अपने ही विभाग को हजारों का चुना लगाने का मन बना लिया है। विद्युत उपभोक्ताओं में इसको लेकर तरह तरह की चर्चायें हैं। लोगों का कहना है कि दूसरों पर जरा भी दयाभाव न दिखाने वाला विद्युत विभाग इस ठेकेदार पर आखिर इतना मेहरवान क्यों है।
जबकि ठेकेदार आठ साल तक बिना बिजली बिल दिए कनेक्शन का उपयोग करता रहा। उसने 2018 में एक बार और अंतिम बार 2022 मे बिल का भुगतान किया है। लोगों का कहना है कि इस आरोपी ठेकेदार के विरूद्व प्रभावी कार्यवाही होनी चाहिए। लेकिन क्या विभाग कोई कार्यवाही करेगा, यह देखना अभी बाकी है।इधर, एसडीओ राजेंद प्रसाद पाठक का कहना है सिस्टम के हिसाब से बिल 50 हजार आ रहा है। आगे उसकी जांच कराकर देखा जाएगा।
मामले जांच कराते है-एके यादव, एमडी यूपीसीएल

