ओबीसी आरक्षण बढ़ाने का उत्तराखण्ड में रास्ता साफ, निकाय ऐक्ट को बदलने की मंजूरी


उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव के लिए प्रदेश सरकार ने नगर निकाय ऐक्ट में संशोधन मंजूर कर लिया है। इसके लिए शहरी विकास विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विचलन से मंजूरी प्रदान की। इससे प्रदेश सरकार के पास एकल सदस्यीय आयोग की संस्तुति के क्रम में निकायवार ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की संवैधानिक शक्ति आ गई है।
उत्तराखंड के नगर निकायों में अभी ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है, लेकिन इस बार एकल सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट के अनुसार,ओबीसी आरक्षण सभी स्तर पर बढ़ाया जाना है। इसके लिए शहरी विकास विभाग को नगर निकाय ऐक्ट में संशोधन करना पड़ रहा था, विभाग ने ऐक्ट संशोधित कर कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया था, जिसे सीएम ने विचलन से ही मंजूरी प्रदान कर दी है। इस तरह विभाग का संशोधित ऐक्ट तैयार हो चुका है, अब विभाग, ऐक्ट लागू करने को नियमावली संशोधन की प्रक्रिया में जुटा है। इस क्रम में संशोधित नियमावली विधायी विभाग को भेज दी गई है, जिसे अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट में रखा जाएगा।
शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि ऐक्ट में संशोधन के अनुसार नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। इसके बाद आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। मेयर तथा अध्यक्षों का आरक्षण निदेशालय और वार्ड सदस्यों का आरक्षण जिला स्तर से घोषित करते हुए दावे-आपत्तियां मांगी जाएंगी। इसके बाद शासन निर्वाचन आयोग को चुनाव की अधिसूचना जारी करने पर सहमति दे सकता है। अब प्रदेश में 97 निकायों के लिए एक साथ चुनाव होगा। निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल सितंबर तक बढ़ने के चलते निकाय चुनाव सितंबर-अक्तूबर तक होने की संभावना है।




