नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) की मासिक पत्रिका भेंट

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नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) की मासिक पत्रिका भेंट

जिला सूचना अधिकारी सहित कई अधिकारियों से संवाद; पत्रकारिता की चुनौतियों और सरोकारों पर हुआ मंथन

संवाददाता ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह

उत्तरकाशी। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) की मासिक पत्रिका शुक्रवार को जिला सूचना अधिकारी कर्मवीर शर्मा को जिला इकाई के मुख्य संयोजक सुरेंद्र पाल सिंह द्वारा भेंट की गई। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मोहन सिंह राणा भी उपस्थित रहे। संवाद कार्यक्रम में पत्रकारिता के दायित्व, सूचनाओं की पारदर्शिता और समाज में मीडिया की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई। जिले में आधे से अधिक अधिकारियों को यह मासिक पत्रिका भेंट की जा चुकी है।

इस अवसर पर सुरेंद्र पाल सिंह ने कहा, “पत्रिका केवल संगठन की गतिविधियों का दस्तावेज नहीं है, यह पत्रकारों की नब्ज और जनमानस की भावनाओं को स्वर देने वाला माध्यम है। हमारा लक्ष्य पत्रकारों और प्रशासन के बीच एक मजबूत संवाद सेतु तैयार करना है।”

जिला सूचना अधिकारी कर्मवीर शर्मा ने कहा, पत्रकार समाज की आंख और कान होते हैं। सूचना विभाग इस तरह की रचनात्मक पहल का स्वागत करता है, जिससे पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के सिद्धांतों को मजबूती मिले।

वरिष्ठ पत्रकार मोहन सिंह राणा ने कहा, “पत्रकारिता आज विचारों की लड़ाई के केंद्र में है। यह पत्रिका एक ऐसा मंच बन सकती है, जहां जमीनी पत्रकारों की पीड़ा, सोच और संघर्ष दर्ज हो सकें।”

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रमोद पाल ने कहा, “पत्रकार केवल खबर नहीं देता, वह अपने शब्दों से एक समाज गढ़ता है। वर्तमान समय में जब मीडिया पर बाज़ारीकरण और पक्षपात के आरोप लग रहे हैं, ऐसे में संगठन की यह मासिक पत्रिका सच्ची, निर्भीक और जनपक्षीय पत्रकारिता का उदाहरण बन सकती है। हम चाहते हैं कि यह मंच राज्य के दूरस्थ और सीमांत क्षेत्रों में कार्यरत पत्रकारों की आवाज़ बने, जहां आज भी संसाधनों और पहचान की भारी कमी है। उत्तरकाशी जैसे सीमांत जनपदों में यह पहल पत्रकारिता को नई ऊर्जा देने का कार्य करेगी।

संगठन के मुख्य संरक्षक त्रिलोक चंद भट्ट ने कहा, पत्रकारिता केवल समाचार नहीं, समाज की चेतना है। पत्रिका के माध्यम से हम उस चेतना को जीवित रखना चाहते हैं।

प्रदेश अध्यक्षा दया जोशी ने कहा, पत्रकारों की सुरक्षा, गरिमा और अधिकारों की रक्षा हमारा पहला कर्तव्य है। यह पत्रिका पत्रकारों को जोड़ने, सशक्त करने और उनके विचारों को दिशा देने का मंच है।

इस शिष्टाचार भेंट को पत्रकारिता के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक पहल और संवाद की पुनर्स्थापना के रूप में देखा जा रहा है। उत्तरकाशी जैसे पर्वतीय और सीमांत जनपद में इस तरह की पहलें न केवल पत्रकारों को प्रोत्साहित करेंगी, बल्कि आम जन तक निष्पक्ष और सार्थक सूचनाएं पहुंचाने में भी मददगार साबित होंगी।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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