जिले में मनाया गया राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस -मातृ मृत्यु दर में कमी लाने पर ज़ोर


जिले में मनाया गया राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस
-मातृ मृत्यु दर में कमी लाने पर ज़ोर
चंपावत। भारत में हर साल 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भी पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से यह दिवस मनाया गया। इस दिन का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना और मातृ मृत्यु दर को कम करना है।
राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस 2025 स्वास्थ्य विभाग और व्हाइट रिबन एलायंस द्वारा चलाए जा रहे अभियानों का फोकस गर्भावस्था के दौरान उचित पोषण, समय पर जांच, प्रसव पूर्व और प्रसवोत्तर देखभाल पर केंद्रित रहा।
उत्तराखंड के चंपावत जिले के बाराकोट क्षेत्र में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. मंजीत सिंह के नेतृत्व में मऊ और वल्सो गांवों में स्वास्थ्य शिविर और जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। ग्रामीण महिलाओं को सुरक्षित प्रसव, एनीमिया से बचाव और स्तनपान के महत्व के बारे में जानकारी दी गई।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 26,000 महिलाओं की मृत्यु गर्भावस्था या प्रसव के दौरान हो जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर चिकित्सीय सहायता और जनजागरूकता के जरिए इस आंकड़े में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है।
व्हाइट रिबन एलायंस की पहल पर 2003 से यह दिवस मनाया जा रहा है। 11 अप्रैल का चयन महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी की जयंती के अवसर पर किया गया, जो महिलाओं के अधिकारों और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके योगदान को सम्मान देने का प्रतीक है।
स्वास्थ्यकर्मियों और स्वयंसेवी संगठनों ने अपील की है कि सरकार की मातृत्व स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाएं आगे आएं, ताकि हर मां को एक सुरक्षित मातृत्व का अनुभव मिल सके।



