मध्य प्रदेश: 3 बार बदलता है मां पीतांबरा का स्वरूप

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मध्य प्रदेश: 3 बार बदलता है मां पीतांबरा का स्वरूप

मध्य प्रदेश का यह मंदिर , यहां पर 3 बार बदलता है मां का स्वरूप , अमित शाह और योगी कर चुके हैं पूजा आज हम अपने चैनल के दर्शकों को दिव्य दर्शन कार्यक्रम के माध्यम से विश्व प्रसिद्ध मां बगलामुखी के शक्तिपीठ मध्य प्रदेश दतिया के बारे में बताने जा रहे हैं l जिनके आगे विज्ञान भी दांतो तले उंगली दबा लेने पर मजबूर है l इन्हीं में से एक है मध्य प्रदेश का ऐसा शक्तिपीठ , जहां मां की अनोखी कृपा ना सिर्फ भक्तों पर बरसती है l बल्कि भक्त यहां खुद भी तीन प्रहर में मां के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन करते है l यही नहीं जब भी देश के ऊपर कोई बड़ी विपत्ति का साया पड़ा है l देवी मां ने देशवासियों की रक्षा की है l आईए जानते हैं इस देवी के मंदिर के बारे में , इस शक्तिपीठ की स्थापना 1935 में स्वामी जी महाराज के द्वारा की गई थी l जहां पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी , अटल बिहारी बाजपेई हो या फिर राजमाता विजयाराजे सिंधिया , ही क्यों ना हो सभी ने माता का आशीर्वाद प्राप्त किया।

ऐसा माना जाता है कि स्थान पर आने-वाले की मुराद जरूर पूरी होती है l उन्हें राजसत्ता का सुख मिलता है l मंदिर के बारे में महत्वपूर्ण बातें मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित मां पीतांबरा को राजसत्ता की देवी माना जाता है इसी रूप में भक्त उनकी की आराधना करते हैं l राज सत्ता की कामना रखने वाले भक्त गुप्त रूप से यहां आकर उनकी पूजा करते हैं l मां पीतांबरा को शत्रु नाश की और राजसत्ता की देवी माना गया है l राजसत्ता की प्राप्ति में मां की पूजा का विशेष महत्व होता है l इस शक्तिपीठ की स्थापना 1935 में स्वामी जी महाराज के द्वारा की गई l यह चमत्कारिक धाम स्वामी जी महाराज के जप और तप के कारण विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठधाम के रूप में जाना जाता है l भक्तों को एक छोटी से खिड़की से मां के दर्शन होते हैं मंदिर प्रांगण में स्थित वानखंडेश्वर महादेव शिवलिंग को महाभारत काल का बताया जाता है।

सिंधिया घराने के लोगों के लिए मंदिर परिसर में विशेष गेस्ट हाउस बना हुआ है l व्यक्तिगत अनुष्ठान के दौरान इस परिवार के लोग मंदिर परिसर में रुकते हैं l ऐसा कहा जाता है कि कई वर्ष पहले राजमाता विजयाराजे सिंधिया नवरात्रि के दौरान पूरे 9 दिन साधना यहां करती थी l माधवराज सिंधिया , राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ज्योतिरादित्य सिंधिया , प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह , इंदिरा गांधी , शिवराज सिंह चौहान , योगी आदित्यनाथ , राहुल गांधी ने भी मां पीतांबरा बगलामुखी की शक्ति से राजनीति की ऊंचाइयों के शिखर को छुआ था l प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के अनुरोध पर देश की रक्षा के लिए मां बगलामुखी की प्रेरणा से 51 कुंडीय महायज्ञ कराया था।

जिसके परिणाम स्वरूप 11 दिन पूर्णाहुति के के साथ चीन ने अपनी सेनाएं वापस बुला ली थी l उस समय की बनाई गई यज्ञशाला मंदिर परिसर में आज भी मौजूद है l जब-जब देश के ऊपर विपत्तियां आती हैं तब तब कोई ना कोई गोपनीय रूप से मां बगलामुखी की यज्ञ हवन अवश्य ही कराते हैं l मां पीतांबरा की महाशक्ति की कृपा से देश पर आने वाली बहुत सी विपत्तियां टल गई हैं l इसी प्रकार सन् 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में मां बगलामुखी ने देश की रक्षा की l सन 2000 में कारगिल में भारत-पाकिस्तान के बीच पुनः युद्ध हुआ l तब भी विशिष्ट साधकों ने गुप्त रूप से मां बगलामुखी की पुनः साधनाए और हवन यज्ञ किए l जिससे दुश्मनों को फिर से मुह की खानी पड़ी l ऐसा कहा जाता है यह हवन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कहने पर कराया गया था l

लेखक- मां के सेवक है ✍️,

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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