भारत ने AI और डेटा साइंस के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया, यह देश AI टैलेंट के लिए एक प्रमुख स्रोत बन गया- प्रो. दुर्गेश पंत 

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भारत ने AI और डेटा साइंस के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया, यह देश AI टैलेंट के लिए एक प्रमुख स्रोत बन गया- प्रो. दुर्गेश पंत 

विज-एआई रोबोटिक्स के सभागार में AI और डेटा साइंस पर संगोष्ठी का आयोजन

हल्द्वानी। विज-एआई रोबोटिक्स के स्किल और रोबोटिक्स विभाग के सभागार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और उसके अनुप्रयोगों पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें UCOST के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

इस अवसर पर संस्थान के सीईओ पार्थसारथी जोशी और उपाध्यक्ष आयुषी मठपाल ने प्रोफेसर पंत का स्वागत और सम्मान किया। समारोह का संचालन संस्थान के निदेशक डॉ. अरविंद जोशी ने किया।

सेमिनार में बोलते हुए, प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने AI और डेटा साइंस के क्षेत्र में भारत की बढ़ती संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि NASSCOM की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का AI मार्केट 2025 तक $7.8 बिलियन के मूल्य तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें 20.2% की वार्षिक वृद्धि दर होगी। उन्होंने बताया कि भारत ने AI और डेटा साइंस के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है, और यह देश AI टैलेंट के लिए एक प्रमुख स्रोत बन गया है।

प्रोफेसर पंत ने विज-एआई रोबोटिक्स के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान उत्तराखंड में अग्रणी कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विज-एआई रोबोटिक्स विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों, व्यवसायियों, गृहिणियों और विभिन्न धाराओं के छात्रों को अत्याधुनिक कौशल प्रदान कर रहा है। यह संस्थान राज्य में तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक मिसाल कायम कर रहा है, जो स्थानीय प्रतिभाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

इसके बाद, सीईओ पार्थसारथी जोशी ने संस्थान की प्रगति के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि विज-एआई रोबोटिक्स संस्थान वर्तमान में 75 डेटा वैज्ञानिकों को मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, मॉडल डिप्लॉयमेंट, और बिग डेटा हडूप जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। जोशी ने कहा कि यह संस्थान अपने प्रशिक्षित डेटा वैज्ञानिकों को विभिन्न पोर्टफोलियो पर काम करने के लिए तैयार कर हा है, जिससे वे उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे। उन्होंने आगे बताया कि संस्थान का दीर्घकालिक लक्ष्य हल्द्वानी को डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का हब बनाना है, और इस उद्देश्य के प्रति संस्थान पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

अंत में, संस्थान की उपाध्यक्ष आयुषी मठपाल ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि भविष्य में संस्थान सरकार और निजी अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर कार्य करेगा, ताकि उत्तराखंड को डेटा साइंस का ज्ञान केंद्र बनाया जा सके। मठपाल ने कहा कि इस प्रकार की साझेदारी राज्य के तकनीकी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और उत्तराखंड को एक प्रमुख ज्ञान हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।

सेमिनार में विज-एआई संस्थान के डेटा वैज्ञानिकों ने भी सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया और अपने विचार साझा किए। उनकी भागीदारी ने सेमिनार को और भी समृद्ध और ज्ञानवर्धक बना दिया।
समारोह के अंत में, प्रोफेसर पंत ने संस्थान के छात्रों और संकाय को बधाई दी और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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