उत्तरकाशी: नौगांव में बादल फटा, देवलसारी खड्ड उफान पर सेब बागान व कृषि भूमि तबाह, बाइक-स्कूटी बहीं: देखें वीडियो

उत्तरकाशी: नौगांव में बादल फटा, देवलसारी खड्ड उफान पर सेब बागान व कृषि भूमि तबाह, बाइक-स्कूटी बहीं
संवाददाता – ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह
उत्तरकाशी। जिले के नौगांव क्षेत्र में शनिवार शाम को बादल फटने की घटना ने तबाही मचा दी। अचानक हुई तेज बारिश से देवलसारी खड्ड और नौगांव गदेरे में उफान आ गया। देखते ही देखते पानी का बहाव इतना तेज हो गया कि ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे। स्थानीय लोगों के अनुसार तेज बहाव में खेतों और सेब के बागानों को भारी क्षति पहुंची है। कई स्थानों पर कृषि भूमि मलबे में दब गई, वहीं पानी की लहरों में बाइक और स्कूटियां बह गईं, जिससे निजी संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ।
ग्रामीणों ने बताया कि बारिश इतनी तेज थी कि उन्हें संभलने तक का मौका नहीं मिला। खेतों के किनारे बसे मकानों में पानी और गाद घुसने की आशंका ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है।
इधर, आपदा की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बताया कि नौगांव क्षेत्र में बादल फटने की सूचना मिलते ही उन्होंने जिलाधिकारी से संपर्क साधा और राहत एवं बचाव कार्यों को तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता दी जाएगी और किसी भी परिवार को असहाय नहीं छोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुट गई हैं। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की कार्रवाई तेज कर दी गई है। वहीं, प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों और गदेरे के किनारे न जाएं।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि नुकसान का पूरा आकलन किया जा रहा है। प्राथमिकता यह है कि प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए और उन्हें भोजन, पानी व आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी न हो। राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
इस घटना से जहां पूरे इलाके में दहशत का माहौल है, वहीं ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जल्द से जल्द नुकसान की भरपाई के लिए ठोस कदम उठाएगी। पहाड़ की इस आपदा ने एक बार फिर से प्रकृति की मार झेल रहे पहाड़ी लोगों की कठिनाइयों को सामने ला दिया है।

