चौड़ाख्याली गांव में जिलाधिकारी ने *एप्पल मिशन* के तहत तैयार बगीचे में पहली फसल के तोड़े सेब।

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*वह दिन दूर नहीं जब सेब का उत्पादन चंपावत जिले की अर्थव्यवस्था को देगा मजबूत आधार–जिलाधिकारी*

चौड़ाख्याली गांव में जिलाधिकारी ने *एप्पल मिशन* के तहत तैयार बगीचे में पहली फसल के तोड़े सेब।

 

लोहाघाट।पाटी ब्लॉक अंतर्गत चौड़ाख्याली गांव में उत्तराखण्ड एप्पल मिशन के तहत तैयार सेब के बगीचे से आज जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे ने फल तोड़कर इसका शुभारम्भ किया।

3 साल पहले कोरोना महामारी के दौरान अवसर का लाभ उठाते हुए चौड़ाख्याली गांव के वरसिम तोक में नव फलोत्पादक हेमन्त निगल्टिया द्वारा एप्पल मिशन के तहत उद्यान विभाग के सौजन्य से यहां 2 हजार सेब की विभिन्न प्रजातियों के पौध लगाए गए थे जो इस वर्ष पूरी फलत देने लगे हैं।

यहां के उन्नतशील किसान स्वरोजगार अपना कर औरों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बना रहे है।
आदर्श चंपावत की परिकल्पना को चरितार्थ करने के लिए जनपद के प्रत्येक क्षेत्र में अथक प्रयास किये जा रहे हैं। जिस हेतु जनपद के प्रगतिशील उन्नत किसान भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

यह बात जिलाधिकारी नवनीत पांडे द्वारा विकासखंड पाटी के ग्राम पंचायत होली पिपलाटी के तोक बरसीम में सघन बागवानी योजना अंतर्गत स्थापित सेबो व गर्सलेख में स्थापित कीवी के बागानों का दौरा कर कहीं, सोमवार को जिलाधिकारी द्वारा होली पिपलाटी तोक बरसीम में पहुंचकर उद्यान विभाग द्वारा संचालित सघन बागवानी योजना के तहत लगाए गए सेब बागानों का निरीक्षण कर कास्तकारो द्वारा किए जा रहे कार्यों की सरहना की।
जिलाधिकारी ने कहा कि इस क्षेत्र में कास्तकारों कि मेहनत पेड़ों में लदे सेब स्वत ही बयां कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चंपावत की जलवायु कीवी, अखरोट, नाशपाती,प्लम, खुमानी की खेती के लिए अनुकूल होने के साथ–साथ सेबों के लिए अत्यधिक अनुकूल है। इन फलों के उत्पादन के लिए चम्पावत क्षेत्र हमेशा से उपुयक्त माना जाता है। यहां के युवा कास्तकार सेब की बागवानी कर पूरे देश में यहां के लजीज सेबों का स्वाद पूरे देश में फैला रहे हैं। यहां के सेब अपनी गुणवत्ता, स्वाद व पोषण तत्वों के लिए देशभर में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने सभी युवाओं से अनुरोध के साथ-साथ अपील करते हुए कहा कि बागवानी के क्षेत्र में रोजगार से अधिक स्वरोजगार मिलने के साथ-साथ पलायन में भी रोकथाम होगी तथा हमारे युवाओं को रोजगार के लिए जिले से तथा राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नही होगी।

सेब के बागानों में सेब का उत्पादन करने के साथ-साथ इसमें इंटीग्रेटेड फार्मिंग (रोजमेरी, शिमला मिर्च, बंद गोभी, फ्रेंच बीन्स) कर आय को दोगुना किया जा सकता हैं।
इस दौरान जिला विकास जिला उद्यान अधिकारी टीएन पांडे,एडीओ उद्यान पीएस बिष्ट,प्रदीप कुमार पचौली, स्थानीय कास्तकार हेमंत
निगलटिया, भूपेंद्र गहतोड़ी सहित अन्य उपस्थित रहे।

*फोटो* – पहली फसल के सेब तोड़ते हुए जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे
कीवी नर्सरी का निरीक्षण करते हुए–जिलाधिकारी

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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