चमोली के देवाल गांव में फेरी वाले और बाहरी मजदूरों को बिना सत्यापन के आने अनुमति नहीं देते गांव के लोग, स्वयं कमर कसी खुद की सुरक्षा को 

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चमोली के देवाल गांव में फेरी वाले और बाहरी मजदूरों को बिना सत्यापन के आने अनुमति नहीं देते गांव के लोग, स्वयं कमर कसी खुद की सुरक्षा को 

खनस्यू का मामला आज बाहर आ गया सबको पता चल रहा, न जाने ऐसे कितने अनगिनत मामले फेरी वाले पहाड़ सहित मैदानी इलाकों में अंजाम दे चुके हैं। सोसल मीडिया का जमाना है खनस्यूं के मोहन के साथ की गई क्रूरता जन जन तक पहुंच गई अन्यथा मामले को दबाने में महारत हासिल किए आकाओं को चुटकी भर देर न लगती और मासूम मोहन के चोटों पर घर में उसके परिजन कई प्रकार के मरहम खुद ही लगा रहे होते।

बाहरी व्यक्तियों का पहाड़ी इलाकों में फेरी कारोबार के नाम पर वहां के निवासियों की भावनाओं के साथ कई तरह से खिलवाड़ बहन बेटियों को बहला फुसला कर उनको भगाना जैसा घिनौना खेल खेला गया कुछेक तो घर परिवार की इज्जत बचाने के नाम पर चुप रहे तो कुछेक पीड़ित हिम्मत जुटा राजनेताओं से थाने, चौकियों के कर्मचारियों को इतला किये, जिसको इन सभी द्वारा बहुत ही हल्के में लिया जाता रहा।

इन सभी के बीच ये फेरी वाले पहाड़ी इलाकों में बसने को जगह भी तलासने लगे, बिना संकोच कारोबार भी जमाने लगे साथ ही बुलंद हौसलों के साथ एक आधार कार्ड मांगने पर एक मासूम पर थाने बात पहुंची जहां का सच पूरे देश के सामने। किसी आका पर भरोसा न कर चमोली जिले के देवाल गांव ने स्वयं ये साहस भरा कदम उठाया और एकदम बंद कर दिया बिना सत्यापन के फेरी वाला और बाहरी मजदूरों का गांव में आना।

चमोली जिले के देवाल गांव ने फेरीवालों और बाहरी मजदूरों के लिए सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। बिना सत्यापन के कोई भी फेरीवाला या मजदूर गांव में प्रवेश नहीं कर पाएगा। गांव के प्रवेश सीमा पर इस आशय का साइन बोर्ड भी लगाया गया है। नियम न मानने वाले पर 500 रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।रुद्रप्रयाग के ऊखीमठ और टिहरी के कठूड़ व माणदा गांवों की तर्ज पर अब चमोली जिले के देवाल के उलंग्रा गांव में भी फेरी वाले और बाहरी मजदूरों का सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है।

ग्रामीणों ने बैठक कर यह निर्णय लिया कि अब बिना सत्यापन के कोई भी फेरी वाला या मजदूर गांव में प्रवेश नहीं कर पाएगा।गांव के प्रवेश सीमा पर इस आशय का साइन बोर्ड भी लगाया गया है। नियम न मानने वाले पर 500 रुपये के जुर्माने का भी प्रविधान किया गया है। शनिवार को ग्राम प्रधान अंशी देवी की अध्यक्षता में ग्रामीणों की बैठक हुई। इसमें चिंता जताई गई कि बाहर के कुछ लोगों की गांव में आवाजाही बढ़ी है। वे बिना रोकटोक के गांव में प्रवेश कर रहे हैं।चोरी की घटनाओं में शामिल थे बाहर के लोग पिछले दिनों गांव में चोरी की घटनाओं में बाहर के लोगों के शामिल होने की बात सामने आई थी। ऐसे में अब फेरी वाले और मजदूरी करने के लिए आने वाले बाहरी लोगों के सत्यापन को अनिवार्य करने पर जोर दिया गया।

यह तय किया गया कि फड़, फेरी लगाने वाले ओर मजदूरी करने के लिए आने वालों का अब सत्यापन अनिवार्य होगा। जिसके पास पहचान संबंधित दस्तावेज नहीं होंगे उसे गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।ग्रामीणों ने सुरक्षा के साथ ही गांव में सफाई व्यवस्था सुधारने का भी निर्णय लिया। यह तय हुआ कि पशुपालक खुद ही यह सुनिश्चित करेंगे कि घोड़ा-खच्चरों से गंदगी न होने पाए। नियमों का पालन न करने वाले पर पांच सौ रुपया जुर्माना लगाने पर भी सहमति बनी। कहने का तात्पर्य यह है कि अब खुद ही अपने अपने गांवों को देवाल जैसा बनाने को यहां के वासिंदों को आगे आना होगा।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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