इफको के नैनो उत्पादों को किसानों तक पहुंचाना होगा – डॉ शुक्ला

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इफको के नैनो उत्पादों को किसानों तक पहुंचाना होगा – डॉ शुक्ला

हल्द्वानी/नैनीताल। इफको तथा सहकारिता विभाग नैनीताल के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय जिला सहकारी संगोष्ठी का आयोजन नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक के सभागार में किया गया। संगोष्ठी में जिले की समस्त सहकारी समितियां के सचिव, उर्वरक प्रभारी व सहकारिता विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

इफको के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक आर्य द्वारा समस्त प्रतिभागियों एवं अतिथियों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ राजीव शुक्ला वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर ने अपने संबोधन में कहा कि इफको की नैनो तकनीक नैनो यूरिया, नैनो डीएपी किसानों तक पहुंचना आवश्यक है। इफको द्वारा नैनो टेक्नोलॉजी आधारित उत्पाद नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के बारे में विस्तार से सरल भाषा में महत्वपूर्ण जानकारी दी।

उन्होंने समस्त प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वह सभी अपने क्षेत्र के किसानों को लेकर पंतनगर विश्वविद्यालय आकार उनके द्वारा लगाए गए नैनो डीएपी, नैनो यूरिया के ट्रायल को भी देखें, उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया, नैनो डीएपी की मात्र 500 ml की एक बोतल 45 किलो दानेदार यूरिया , 50 किलो नैनो डीएपी के बराबर प्रभावशाली रहती है इसका उपयोग बहुत ही आसान है नैनो यूरिया 4 ml, नैनो डीएपी 5 ml प्रति लिटर पानी में मिलाकर पत्तों के ऊपर छिड़काव किया जाता है, नैनो डीएपी का प्रयोग बीज उपचार और जड़ उपचार कर भी किया जाता है उन्होंने यह भी कहा कि यह पर्वतीय क्षेत्र के लिए काफी मददगार हो सकता है ।

मनोज सिंह दानू ,क्षेत्र अधिकारी, इफको ,कृषि सेवाएं ने प्रतिभागियों को इफको द्वारा दी जा रही विभिन्न कृषि सेवाओं की जानकारी दी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव राज्य विपणन प्रबंधक,इफको देहरादून, ने‌ कहा की यदि हमें पर्वतीय क्षेत्र से पलायन को रोकना है तो हमें कृषि व उद्यान में ध्यान देना होगा उ

न्होंने आगे कहा कि किसान भाई, खेती में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करते हुए वैकल्पिक उर्वरकों नैनो उर्वरक ,जैव उर्वरक आदि का उपयोग बढ़ाए।
दान सिंह नपच्याल जिला सहायक निबंधक,सहकारी समितियां ,नैनीताल ने कहा कि यदि हमे कृषि को लाभकारी बनाना है तो खेती में नवीतम तकनीक का प्रयोग करना होगा ।

उन्होंने कहा की सहकारी समिति कृषि विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है व ग्रामीण विकास में भी सहकारी आंदोलन महवपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है उन्होंने आगे कहा की इस प्रकार की गोष्ठियां बार – बार करनी होंगी जिससे समिति सचिव जागरूक हो अपने क्षेत्र के किसानों को भी जागरूक करे, उन्होंने प्रतिभागियों को आदेशित किया कि वह अपने कार्यक्षेत्र में जाकर संगोष्ठी में बताई गई कृषि संबंधी जानकारी का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें और किसानों को प्रोत्साहित करें कि किसान भाई कृषि की नवीनतम तकनीक का उपयोग करें ।कार्यक्रम में सहकारिता से जुड़े हुए 100 से अधिक कर्मचारियों अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

*नरेंद्र सिंह मेहरा*

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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