यदि लोहाघाट में फल व सब्जी तथा हल्द्वानी में फूलों की मंडी खुले तो मॉडल जिले के प्रथम पंक्ति में खड़े हो सकते हैं किसान

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सीएम धामी के मॉडल जिले के किसानों के कदम आगे बढ़ते जा रहे हैं हिमाचल की तर्ज पर। धामी का नेतृत्व मिलने के बाद यहां का बदल रहा है परिवेश।

यदि लोहाघाट में फल व सब्जी तथा हल्द्वानी में फूलों की मंडी खुले तो मॉडल जिले के प्रथम पंक्ति में खड़े हो सकते हैं किसान

गणेश दत्त पांडे, वरिष्ठ पत्रकार

चंपावत: बाहर से आने वाले उद्यान वैज्ञानिकों द्वारा हिमाचल की तर्ज पर यहां वेमौसमी सब्जियों एवं फल फूलों की खेती करने की सलाह देने का दौर, अब बीते दिनों की बात रह गई है। अब मॉडल जिले के किसान के कदम हिमाचल की तर्ज पर स्वयं आगे बढ़ते जा रहे हैं।कभी डिलीशियस सेव की प्रजाति के उत्पादन के लिए मशहूर यह जिला भले ही मौसमी मार के कारण इस जिले के लोग इस सेव के स्वाद से वंचित हो गये है, किंतु अब उसके स्थान पर विभिन्न प्रजातियों के सेव व कीवी से यहां के किसानों के बाग लद गए हैं। इसी प्रकार वेमौसमी सब्जियों का उत्पादन यहां की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहा है।

दरअसल, देखा जाए तो मॉडल जिले की तस्वीर उस समय से बदलने लगी जब यहां के लोगों को अनायास मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नेतृत्व मिला। आज जिले के चंपावत, लोहाघाट, पाटी एवं बाराकोट ब्लॉकों के किसान इस बात के गवाह बने हुए हैं कि मुख्यमंत्री की बदौलत उनके जीवन में नया सवेरा आता जा रहा है। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी हाड़तोड़ मेहनत का उनका पूरा लाभ मंडी के अभाव में बिचौलिया उठा रहे हैं। लोहाघाट में मटर के उत्पादकों का खून चूसने का दौर उस समय चल पड़ा जब मटर का व्यापक उत्पादन होने से बेचारे किसान को 10 रुपए किलो अपमी मटर बेचनी पड़ी। डी.एच.ओ. हरीश कोहली का कहना है कि यहां के किसान स्वयं में ऐसे वैज्ञानिक हैं जिन्हें थोड़ा सा सहारा दिए जाने पर वह अपना अलग ही रंग खिला देते हैं। लोहाघाट ब्लॉक में एडीओ उद्यान आशीष रंजन खर्कवाल ने मात्र चार वर्षों में किसानों की किस्मत ही बदल दी है। किसानों का कहना है कि श्री खर्कवाल जैसे मार्गदर्शन यदि पहले मिले होते तो यहां और बदला हुआ स्वरूप सामने आता।

पाटी ब्लॉक आज उद्यान सब्जी उत्पादन एवं अन्य क्षेत्रों में अपनी सफलता की कहानी लिखने जा रहा है। यहां एडीओ उद्यान प्रदीप पचौली ने ब्लॉक के किसानों को सहारा देकर उन्हें अपने पांव में खड़ा कर दिया। चंपावत ब्लॉक के किसानों की अपनी सफलता की कहानी के गवाह उनके खेत बने हुए हैं। यहां एडीओ उद्यान निधि जोशी का प्रयास किसानों के खेत स्वयं बोल रहे हैं। यदि मौन पालन कार्यक्रम को नियोजित तरीके से संचालित किया जाए तो इससे न केवल 30 से 35 फीसदी तक नैसर्गिक रूप से उत्पादन बढ़ने के साथ उत्पादों की गुणवत्ता में काफी निखार आ जाएगा। अब जिले में मशरूम की खेती की ओर भी यहां के किसानों को ले जाया जा रहा है। किसानों की भविष्य की उम्मीद है अब किसान के घर जन्मे

जिलाधिकारी मनीष कुमार की उत्साह जनक पहल पर टिकी हुई है, जिन्होंने स्वयं खेतों में जाकर किसानों के दर्द और मर्ज को समझा है। डीएम की उत्साहजनक पहल से अब वह दिन दूर नहीं जब यह जिला फूलों की खेती से भी महकने लगेगा। आलू बीज का कभी आयात करने वाला यह जिला आज अपने को इसी बीज का निर्यातक बनाने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। जिलाधिकारी बाहरी जिलों से आयत किए जाने वाले फल, फूल, सब्जियों के बीज व पौधों को जिले में ही उत्पादित करने की एक मजबूत पहल कर रहे हैं। हल्द्वानी में फूलों की मंडी एवं लोहाघाट में फलों सब्जियों की मंडी बनाने की दिशा में जिलाधिकारी की कलम चल चुकी है।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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