पंचायत चुनावों में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाएगी पहाड़ी आर्मी- हरीश रावत

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पंचायत चुनावों में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाएगी पहाड़ी आर्मी- हरीश रावत

हल्द्वानी(उत्तराखंड)। पंचायत चुनाव

पहाड़ी आर्मी के चीफ हरीश रावत ने कहा है कि आगामी पंचायत चुनावों में पहाड़ का हर नागरिक सक्रिय भूमिका निभाएगा और पहाड़ी आर्मी लोकतंत्र के इस महापर्व में पूरी ताकत से भागीदारी करेगी। उन्होंने इसे केवल चुनाव नहीं, बल्कि गांधीजी के ग्राम स्वराज की अवधारणा को धरातल पर उतारने का एक ऐतिहासिक अवसर बताया। हरीश रावत ने स्पष्ट किया कि पहाड़ी आर्मी का उद्देश्य केवल प्रत्याशी खड़े करना नहीं है, बल्कि पंचायतों को सशक्त बनाकर गांवों के समग्र और टिकाऊ विकास की दिशा में ठोस कार्य करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा पंचायती राज अधिनियम में किए जा रहे संशोधन पंचायतों की स्वायत्तता को खत्म करने की दिशा में हैं, जो लोकतंत्र की आत्मा के विपरीत है।

रावत ने पंचायत प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे अपने अधिकारों और – कर्तव्यों को गंभीरता से समझें, क्योंकि वही गांवों की सरकार के असली स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों का प्रथम कर्तव्य जनता के – प्रति जवाबदेही निभाना, पारदर्शिता से कार्य करना और सरकारी योजनाओं – का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना है। साथ ही उनके पास गांव की – प्राथमिकताएं तय करने, विकास योजनाएं बनाने, बजट का प्रबंधन करने – और जनसुनवाई के माध्यम से समाधान सुनिश्चित करने जैसे महत्वपूर्ण अधिकार भी हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ी आर्मी गांवों में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, – पलायन, पानी, महिलाओं की भागीदारी, नशामुक्ति और जंगली जानवरों से सुरक्षा जैसे ज्वलंत मुद्दों पर संघर्ष करेगी। उनका कहना था कि हर गांव तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुँचें, युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जाए, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और पंचायतों को भ्रष्टाचार से मुक्त किया जाए – इसके लिए पहाड़ी आर्मी प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि शराबबंदी और नशे के खिलाफ जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा और दोषियों को कानून के दायरे में लाकर कड़ी सजा दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे, ताकि गांवों में सामाजिक शांति और नैतिक संतुलन बना रहे। श्री हरीश रावत ने कहा कि यह सिर्फ एक चुनावी लड़ाई नहीं, बल्कि गांव-गांव में ग्राम स्वराज लागू करने का संकल्प है। पहाड़ी आर्मी – हर गांव की आवाज बनेगी और उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों तक विकास, समानता और स्वाभिमान की लौ जलाने का कार्य करती रहेगी।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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