धरती मां के आंचल को हरा-भरा करने का पर्व है, हरेला – डीएफओ

धरती मां के आंचल को हरा-भरा करने का पर्व है, हरेला – डीएफओ
जलागम क्षेत्रों एवं ऊंचाई वाले स्थानों में पानी के पोषक पौधों का किया जाएगा सघन रोपण।
चंपावत। डीएफओ नवीन चन्द्र पंत के अनुसार “हरेला” ऐसा पर्व है जिसमें हम धरती के आचल को हरा भरा करने के संस्कार हमें अपने पूर्वजों से मिले हैं। पौधा रोपण केवल फर्ज निभाने के लिए नहीं बल्कि इसके प्रति हमारी पूरी दिल से भावना होनी चाहिए। इस पर्व पर जिले में विभाग की ओर से पचास हजार पौध लगाएं जाएंगे। इस कार्य में आईटीबीपी की 36वीं वाहिनी एवं एसएसबी की 5वीं वाहिनी के सहयोग से इस प्रकार पौधारोपण किया जाएगा जिसमें शत प्रतिशत सफलता मिलने का लक्ष्य रखा गया। इसके अलावा एक स्थान में “स्मृति वन” लगाने के लिए स्थान चयनित किया गया है।
कार्यक्रम को शत प्रतिशत सफलता मिलने के लिए डीएफओ ने दोगाड़ी, बूम, काली कुमाऊं, देवीधुरा, भीगराड़ा, लोहाघाट व चंपावत रेन्जों का पूरा भ्रमण कर इन स्थानों में पहली जुलाई से ही पौधा रोपण कार्य की शुरुआत की गई है। डीएफओ का स्पष्ट कहना है कि वन महोत्सव या हरेला पर्व पर हमें इस भावना से पौधा रोपण किया जाना चाहिए कि हम अपनी भावी पीढ़ी के लिए विरासत में उन्हें शुद्ध हवा पानी व स्वच्छ पर्यावरण देने जा रहे हैं।
मानेश्वर की पहाड़ी को बना आच्छादित क्षादित करने की ऐसी मुहिम शुरू की जा रही है जिसमें एसएसबी व आईटीबीटी के सहयोग से वन विभाग मानेश्वर धाम के पूरी पहाड़ी को आच्छादित क्षादित करने जा रहा है। मानेश्वर धाम के पिठाधिस्वर धर्मराजनंद पूरी महाराज का कहना है की पूरी पहाड़ी में पानी के पोषक पौधों का रोपण करने के साथ उनकी सुरक्षा भी की जाएगी इस कार्य को वन विभाग, आईटीबीटी, एसएसबी की दूरगामी सोच के साथ किया जा रहा है। स्वामी जी का कहना है कि पौध लगाने से बड़ा पुण्य दूसरा कोई नहीं हो सकता।

