थार गाड़ी पर बवाल

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केदारनाथ धाम में सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से दो थार गाड़ियां कुछ दिन पूर्व पहुंचाई गई थीं। केदारनाथ में इन गाड़ियों का जमकर विरोध हुआ। लेकिन प्रशासन ने ये कहकर मामला शांत करवा दिया कि यह गाड़ियां दिव्यांग और मरीजों को लाने और ले जाने के लिए लाई गई हैं। परन्तु अचानक सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है।

केदारनाथ धाम से एक ऐसा वीडियो सामने आया जिसमें दिख रहा है कि थार गाड़ी से कुछ वी वी आई पी महिलाओं को आवाजाही करवाई जा रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि काले चश्में में नज़र आने वाली ये हाई प्रोफाइल महिलाएं असहाय तथा विकलांग तो किसी भी प्रकार से नहीं दिखाई पड़ती। प्रशासन की ओर से एक हफ्ते पहले थार गाड़ियां ये कहकर लाई गई थीं कि विकलांग, असहाय और मरीजों के लिए वरदान साबित होंगी, लेकिन स्थानीय जनता का कहना है कि ये गाड़ियां वीआईपी लोगों के लिए मंगवाई गई हैं? वहीं, इस वीडियो के सामने आने के बाद सरकार और प्रशासन की जमकर फज़ीहत हो रही है। ये वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगा है। लोग सवाल करने लगे कि क्या इस कार्य के लिए यह गाड़ियां केदारनाथ भेजी गई थीं। अब शासन ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया जारी की है।

इस पूरे प्रकरण ने जैसे ही तूल पकड़ा तो मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारी सौरभ गेरहवाल को इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की मानें तो यह गाड़ी रोजाना कई मरीज को लाने और ले जाने का काम कर रही हैं। लेकिन कुछ तस्वीरों में जो देखा गया वो बिल्कुल सही नहीं है और इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा है कि जिस अधिकारी ने गाड़ी में इन लोगों को सफर करने की इजाजत दी है, उस अधिकारी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसा न हो।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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