Haldwani 12वीं कक्षा का छात्र चला रहा है रोबोटिक्स कंपनी, युवाओं और पेशेवरों को दे रहा है डेटा साइंस का प्रशिक्षण

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Haldwani  एक छोटे से शहर हल्द्वानी के 12वीं कक्षा के छात्र, पार्थसारथी जोशी, ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से विजय रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी स्थापित की है। पार्थसारथी न केवल अपनी कंपनी का सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं, बल्कि युवाओं और पेशेवरों को डेटा साइंस का कौशल प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहे हैं। पार्थसारथी को इस दिशा में प्रेरणा मिली जब वे चौथी कक्षा में थे। उस समय उन्होंने डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की पुस्तक “रीइग्नाइट” पढ़ी थी। इस पुस्तक में 21वीं सदी के विभिन्न उपयोगी करियर की संभावनाओं का संकलन किया गया है। इस पुस्तक ने पार्थसारथी के मन में तकनीक के प्रति गहरी रुचि और कुछ नया करने की इच्छा जगा दी।

पार्थसारथी, जो वर्तमान में आर्यमन विक्रम बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ लर्निंग में 12वीं कक्षा के छात्र हैं, ने छोटी उम्र में ही तकनीक के प्रति अपनी रुचि को पहचाना और उसे अपने व्यवसाय में बदल दिया। उनकी कंपनी, विजय रोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, जो रोबोटिक्स और डेटा साइंस पर केंद्रित है, स्थानीय युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित कर रही है। पार्थसारथी का मानना है कि आज के युग में डेटा साइंस और रोबोटिक्स के ज्ञान के बिना तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ना मुश्किल है। इस समय पार्थसारथी के संस्थान में मानविकी, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न विषयों के 70 से अधिक छात्र प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त, पार्थसारथी मुख्य रूप से जर्मनी से रोबोटिक इंजीनियरिंग में भी प्रशिक्षण ले रहे हैं। उनका इरादा है कि हल्द्वानी को औद्योगिक रोबोटिक्स का हब बनाया जाए।

पार्थसारथी कहते हैं, “मेरा उद्देश्य है कि छोटे शहरों के युवाओं को भी बड़े शहरों जैसी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और प्रशिक्षण मिले। मैं चाहता हूँ कि वे भी नई तकनीकों में माहिर बनें और अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं।” उनकी कक्षाओं में 12वीं कक्षा के छात्रों से लेकर पेशेवर लोग तक हिस्सा लेते हैं। पार्थसारथी के प्रशिक्षण कार्यक्रम में डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों का व्यापक रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है। उनके इस प्रयास की सराहना न केवल उनके छात्र बल्कि पूरे हल्द्वानी के लोग कर रहे हैं। पार्थसारथी के माता-पिता और शिक्षक भी उनकी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं। उनके पिता ने कहा, “पार्थसारथी ने छोटी उम्र में ही बड़ा सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। हमें उस पर गर्व है।” पार्थसारथी का यह प्रयास उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो कुछ नया करने का सपना देखते हैं। उनकी कहानी यह साबित करती है कि सच्ची लगन और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है, चाहे वह कितना ही बड़ा क्यों न हो……..

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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