वैश्विक योगाचार्यों ने युवा आइकान से भेंट कर हुए गदगद


वैश्विक योगाचार्यों ने युवा आइकान से भेंट कर हुए गदगद
सी. पी बहुगुणा, वरिष्ठ पत्रकार
हरिद्वार। पूरी दुनिया में योग का महत्व जिस प्रकार बढ़ा है, वह वास्तव में अद्वितीय है। योग अब केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण और व्यापक अभ्यास बन चुका है। इसके लाभों को समझते हुए असंख्य लोग विभिन्न देशों में इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं। योग शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी सशक्त बनाने में मदद करता है।
दुनिया के कोने कोने में योगाभ्यास कराने वाली वैश्विक योगाचार्यों की एक टीम हांगकांग में प्रज्ञा योग स्कूल के संस्थापक कुलदीप जंघेला की अगुवाई में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार पहुंची। उनके साथ हांगकांग की जेनी हो, मार्गरेट लिंग और जर्मनी से गुइडो ग्लोवानिया शामिल थे। उन्होंने देसंविवि के प्रतिकुलपति युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या जी से भेंट की और योग के आध्यात्मिक आयामों और आधुनिक जीवन में इसकी प्रासंगिकता पर चर्चा की।
युवा आइकान ने आध्यात्मिकता की परिवर्तनकारी शक्ति, मानव चेतना और वैश्विक सद्भाव को बढ़ावा देने में योग दर्शन की भूमिका पर विदेशी मेहमानों को विस्तृत जानकारी दी तथा युवा आइकान ने भारत की आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़कर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। मेहमानों ने विवि के योग विभाग सहित विभिन्न प्रकल्पों का अध्ययन किया साथ ही गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के तत्वावधान में देश विदेश में चल रहे योग सहित विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल की।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ने दुनिया भर में योग को एक वैश्विक पहचान दिलाई है। २१ जून को मनाया जाने वाला यह दिन योग के महत्व को दुनिया भर में फैलाने का एक आदर्श अवसर बन चुका है। योग के माध्यम से हम न केवल अपने शरीर को मजबूत और लचीला बना सकते हैं, बल्कि यह हमें अपनी मानसिक स्थिति को नियंत्रित करने और जीवन में संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है। योग अब एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है, जिसे विभिन्न देशों और संस्कृतियों में सम्मान और अपनाया जा रहा है।




