यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता देना पहाड़ की संस्कृति व प्रकृति के है एकदम प्रतिकूल – भगीरथ भट्ट।

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यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता देना पहाड़ की संस्कृति व प्रकृति के है एकदम प्रतिकूल – भगीरथ भट्ट

लोहाघाट। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता भगीरथ भट्ट ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू किए जाने पर अपनी भारी आपत्ति दर्ज की है। श्री भट्ट ने सरकार द्वारा लिए गए निर्णय का घोर विरोध करते हुए कहा कि लिव इन रिलेशनशिप पूरी तरह पाश्चात्य संस्कृति है, जो उत्तराखंड की संस्कृति और प्रकृति से दूर-दूर तक मेल नहीं खाती है। देवभूमि में इस कानून को लागू करने के बाद उसके नतीजे भी सामने आने लगे हैं जो उत्तराखंड के लिए एक खतरे की घंटी है। श्री भट्ट का कहना है कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि पूरी तरह सामाजिक मुद्दा है, जिसे भाजपा लोगों पर जबरन थोप रही है। जिस तेजी के साथ पाश्चात्य संस्कृति की ओर युवाओं का रुझान बढ़ता गया है, वह पहले से ही एक चिंता का विषय बना हुआ है।

लिव इन रिलेशनशिप जैसे खतरनाक निर्णय को कानूनी मान्यता दिए जाने से उत्तराखंड के लोग भविष्य के प्रति चिंतित हो गए हैं। उधर इस मुद्दे को लेकर स्वयं भाजपा में भी अंदरुनी विरोध होने लगा है। साथ ही लोग एक साल से उत्तराखंड में रह रहे लोगों को यहां का स्थाई निवासी बनाए जाने के भी पक्ष में नहीं हैं। यह दोनों बातें ऐसे समय में सामने आई हैं,जब उत्तराखंड की डेमोग्राफी लगातार बदलती जा रही है।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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