मॉडल जिले में दुग्ध उत्पादक किसानों की ओर देखने में सभी ने की हुई है पीठ

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मॉडल जिले में दुग्ध उत्पादक किसानों की ओर देखने में सभी ने की हुई है पीठ

चंपावत दुग्ध संघ में डेयरी विभाग का ही प्रबंधक नियुक्त किए जाने की किसानों ने उठाई मांग

चंपावत। मुख्यमंत्री के मॉडल जिले में दूध का उत्पादन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्त माध्यम बन सकता है। लेकिन कुप्रबंधन एवं मनमानी के चलते दूध उत्पादकों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। पानी की बोतल बीस रुपए में बिक रही है लेकिन मॉडल जिले में डेयरी विभाग 26 रुपए प्रति लीटर दूध खरीद कर उसे 50 रूपए लीटर में बेच रहा है। इस पर भी उत्पादकों का दो माह से भुगतान नहीं हो पा रहा है। दुग्ध संघ में किसान लंबे समय से यहां डेयरी विकास का प्रबंधक भेजने की मांग करते आ रहे हैं। जबकि यूसीडीएफ के प्रबंधक का पूरा खर्च व वेतन दुग्ध संघ वहन करता है चंपावत दुग्ध संघ की माली हालत ठीक नहीं है।

यही नहीं यहां के एक प्रबंधक रहे डॉ अजीत सिंह को हल्द्वानी सम्बंध किया गया है। जिनका वेतन यहां का दुग्ध संघ अदा कर रहा है। इसी प्रकार अल्मोड़ा दुग्ध संघ के प्रबंधक का वेतन भी यही से जा रहा है। हर शनिवार प्रबंधक को खटीमा पहुंचाने व लाने के लिए डेयरी का वाहन जाता है घर आने जाने के लिए टनकपुर में वल्कुलर प्लांट लगाया गया है जो अभी तक घाटे से उबार नहीं पाया है। अलबत्ता प्रबंधन का यहां हर शनिवार व सोमवार को निरीक्षण किया जाता है।

भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष राज किशोर शाह की अध्यक्षता में प्रगतिशील किसानों की हुई बैठक में गंगा दत्त जोशी, मोहन पांडे, केशव चौबे, नवीन करायत, चंद्र दत्त जोशी, आदि तमाम किसानों का कहना था कि चंपावत दुग्ध संघ से की गई डॉ अजित की सम्बधता समाप्त कर यहां उनकी तैनाती की जाए। वर्तमान अध्यक्ष द्वारा की जा रही फिजूल खर्ची की जांच कर दूध के रेट में वृद्धि की जाए। किसानों का मानना है कि ऐसे माहौल में दुग्ध उत्पादकों का भला नहीं हो सकता है।

पशु पालन मंत्री भी नहीं दे रहे हैं ध्यान।

चम्पावत। किसानों का कहना था कि पशुपालन मंत्री काम तो अच्छा कर रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री के मांडल जिले की ओर कोई ध्यान न दिए जाने से दुग्ध संघ में मनमानी चल रही है।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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