देहरादून: मसूरी नगर पालिका में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारी रखे जाने को लेकर की जा रही टेंडर प्रक्रिया को लेकर कर्मचारियों का हंगामा

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देहरादून: मसूरी नगर पालिका में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारी रखे जाने को लेकर की जा रही टेंडर प्रक्रिया को लेकर कर्मचारियों का हंगामा

टेंडर बॉक्स को छीन कर किया क्षतिग्रस्त,
देर शाम को पालिका प्रशासन ने टेंडर प्रक्रिया को किया निरस्त

कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे जाने पर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने की जमकर राजनीति

देहरादून। मसूरी में नगर पालिका में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारी रखे जाने को लेकर की जा रही टेंडर प्रक्रिया को लेकर कर्मचारियों का हंगामा किया। इस मौके पर सफाई कर्मचारियों ने टेंडर बॉक्स को भी अपने कब्जे में लेकर टेंडर बॉक्स को तोड दिया और टेंडर फॉर्म को अपने कब्जे में ले लिया वही इसको लेकर नगर पालिका में जमकर हंगामा किया गया है।

सफाई कर्मचारियों ने कहा कि किसी भी हाल में कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से नही रखने दिया जायोगा ना ही सफाई व्यवस्था ठेके पर देने दिया जायेगा और अगर मसूरी नगर पालिका में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारी रखे जाने को लेकर की जा रही टेंडर प्रक्रिया की जाती है तो उसको लेकर पालिका प्रषासन के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा वहीं शुक्रवार से मसूरी की सफाई व्यवस्था को ठप कर दिया जाएगा और सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे ।

मसूरी नगर पालिका कर्मचारी महा संघ के महामंत्री चंद्रप्रकाष बडोनी ने सफाई कर्मचारियों के द्वारा का आउटसोर्सिंग एजेंसी को लेकर की जा रही टेंडर प्रक्रिया को निरस्त किये जाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि किसी भी कर्मचारी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा ऐसे में अगर आउटसोर्सिंग एंजेसी को लेकर टेंडर किये जाते है तो पालिका के समस्त कर्मचारी इसका विरोध करेगे और षुक्रवार से मसूरी नगर पालिका में तालीबंदी की जाएगी।मसूरी में अधिशासी अधिकारी द्वारा मसूरी नगर पालिका आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारी रखे जाने को लेकर की जा रही टेंडर प्रक्रिया को पालिका के कर्मचारियों के विरोध के बाद निरस्त कर दिया गया जिसके बाद कर्मचारी ने कर्मचारियों ने अपने आंदोलन का समाप्त किया।

मसूरी नगर पालिका के पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि मसूरी में नगर पालिका प्रशासन और अधिकारी बिना जनप्रतिनिधियों और जनता से राय लिये बिना निर्णय ले रहे है जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड रहा है। उन्होने कहा कि मसूरी नगर पालिका में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों को रखे जाने को लेकर टेंडर प्रक्रिया की जा रही थी जो गलत है। उन्होंने कहा की भाजपा शासन में नगर निकाय के कर्मचारियों की अनदेखी की जा रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

मसूरी नगर पालिका के पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने कहा कि कहा कि भाजपा सरकार के द्वारा निकाय कर्मचारियों के बेहतर सुविधा के साथ ,संविदा कर्मचारियों को ₹500 प्रतिदिन मानदेय दिये जाने के साथ अन्य सुविधाएं दी जा रही है परंतु अधिकारियों सरकार की योजनाओं को सही तरह से क्रियान्वयन नही किया जा रहा है। जिससे कर्मचारियों को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है।

मसूरी महिला कांग्रेस अध्यक्ष जसबीर कौर ने कहा कि भाजपा सरकार कर्मचारी विरोधी है मसूरी नगर पालिका में सफाई कर्मचारियों के अधिकारों का हनन करते हुए उनको आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखने के लिए एजेंसी को नियुक्त किया जा रहा है जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे है। उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी कर्मचारियों के साथ है।
मसूरी व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने पालिका प्रशासन के आउटसोर्सिंग के निर्णय का विरोध किया और कहा कि जिन कर्मियों ने विगत 15 वर्षों से शहर की सेवा की है उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा ।उन्होंने कहा कि निजी कंपनियों का लाभ पहुचाने के लिए सरकार संविदा कर्मियों को हटाना चाहती है, जिसे सफल नहीं होने दिया जायेगा वहं प्रशासन व पालिका को चेतावनी दी कि कर्मचारियों को हटाने के शडयंत्र किया गया तो सीटू सड़कों पर उतरेगी।

मसूरी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी तनवीर मारवाह ने कहा कि शासन प्रशासन के द्वारा प्राप्त निर्देशों और 2015 का नगर निकाय के स्ट्रक्चर के अनुसार आउटसोर्सिंग से कई पद भरे जाने हैं जिसको लेकर पालिका प्रषासन द्वारा आउटसोर्सिंग एजंसी को लेकर टेंडर प्रक्रिया कि जा रही थी।

उन्होने कहा कि अभी तक मसूरी नगर पालिका में आउटसोर्सिंग को लेकर कोई नामित ठेकेदार नही था वह मसूरी में सफाई व्यवस्था देख रही कीन संस्था के माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारियों को रखा जाता रहा है जो की अनियमिताएं हैं। और यह मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया था जिसके बाद उनके निर्देशों के बाद मसूरी में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर टेंडर प्रक्रिया की जा रही थी। उन्होंने कहा कि कीन संस्था का काम सिर्फ सफाई सफाई का ठेका है और वह आउटसोर्स एजेंसी नहीं है जिस कारण न तो कर्मचारियों का पीएफ, ईएसआई सहित अन्य सुविधा नहीं मिल पा रही है।

उन्होने कहा कि शासनादेश के अनुसार संविदा कर्मचारियों को ₹500 प्रति दिन मानदेय नहीं मिल पा रहा था। जिसको लेकर मसूरी नगर पालिका में कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए आउटसोर्सिंग का टेंडर 11 महीने के लिए निकाला गया था। उन्होंने कहा कि पालिका के कर्मचारियों में आउटसोर्सिंग का टेंडर को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी।

उन्होने कहा कि जो कर्मचारी कीन संस्था के माध्यम से लगाए गए थे उन्होने नियमों के अनुसार लाये जाने को लेकर टेंडर प्रक्रिया की जा रही थी। जिससे उनको नियमों के अनुसार मानदेय और अन्य सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए फिलहाल टेंडर को निरस्त कर दिया गया है वहीं उच्च अधिकारियों के सामने इस पूरे मामले को रखा जाएगा और सभी कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के बाद आउटसोर्सिंग का टेंडर किये जाने को लेकर निर्णय लिया जाएगा। क्योंकि कर्मचारियों को शासन आदेश के अनुसार से संविदा कर्मचारियों को ₹500 रोज मानदेय दिया जाए और यह तभी संभव है जब उसको नियम अनुसार नियुक्ति की जाएगी।

इस अवसर पर पूर्व सभासद, दर्शन रावत, व्यापार संघ के महामंत्री जगजीत कुकरेजा, पालिका कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महावीर राणा, जोगिंदर कुकरेजा, मेघ सिंह कंडारी, अमित गुप्ता, अमित भट्ट, राजीव अग्रवाल, नरी मल्ल, मसूरी वाल्मीकि उत्थान सभा अध्यक्ष निरंजन लाल, राजेंद्र घवरिया, राकेश कुमार, गुलशन कुमार, राहुल चिनालिया, संदीप, योगेश, बबीता, सुमन, दीपमाला, कृश्णा गोदियाल, प्रताप, दिनेश, गौरव, सुमन सहित विभिन्न संस्थाओं ने पालिका में कार्यरत संविदा, दैनिक व आउटसोर्सिंग कर्मियों का समर्थन किया है।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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