जंगली सुअरों के आतंक से पहाड की खेती बाड़ी चौपट, वन विभाग को भी बताई व्यथा, कोई समाधान नहीं 

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जंगली सुअरों के आतंक से पहाड की खेती बाड़ी चौपट, वन विभाग को भी बताई व्यथा, कोई समाधान नहीं

*रिपोर्ट दिनेश भट्ट अल्मोड़ा उत्तराखंड*

अल्मोड़ा ।जंगली सुअरों के आतंक से हाडतोड मेहनत करने के बाद पहाड का काश्तकार भूखा रहने को मजबूर है। सामाजिक कार्यकर्ता शिवदत्त पाण्डे मे कहा है कि कास्तकारों री ब्यथा को कोई नही देख रहा है न कोई सुन रहा है। विगत दिनों कफलनी के काश्तकारो की खेतों मे तैयार हो रही मक्का ,झुअर की फसल को सुवरों ने पूरी तरह बर्बाद कर दिया जंगली सुअरों के आतंक ने पहाड का काश्तकार भूखा रहने को मजबूर कर दिया है।

सरकार द्वारा जंगली जानवरो के द्वारा नुक लोकेशन होने पर मुआवजा देने की घोषणा की गई है किंतु वन विभाग तथा राजस्व विभाग अपनी जिम्मेदारी को एक दूसरे के ऊपर ठोक रहे हैं नुकसान के परीक्षण करने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि यह परीक्षण राजस्व विभाग करेगा किंतु राजस्व विभाग का कथन है कि नुकसान जंगली जानवर कर रहे हैं इसलिए नुकसान का आकलन वन विभाग करेगा इस क्षेत्र में काश्तकार किसके पास जाएं यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है उन्होंने प्रशासन से मांग की है की समस्या का समाधान करते हुए मुआवजे के लिए इस वर्ष नीति तय कर दी जाय।

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दया जोशी (संपादक)

श्री केदार दर्शन

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