मडुवे की रोटी, भट की चूलकानी खाकर शून्य से शिखर में पहुंचे डॉ मेहता, बन रहे हैं पर्वतीय उत्पादो के ब्रांड एंबेसडर
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औषधीय पौष्टिक गुणों से भरपूर पहाड़ के उत्पादो को वैश्विक पटल में लाने का प्रयास करते आ रहे हैं, डॉ रंजीत मेहता
मडुवे की रोटी, भट की चूलकानी खाकर शून्य से शिखर में पहुंचे डॉ मेहता, बन रहे हैं पर्वतीय उत्पादो के ब्रांड एंबेसडर
लोहाघाट। ग्रामीण पृष्ठभूमि से मडुवे की रोटी, भट्ट की चुडकानि एवं लाल चावल का भात खाकर अपने पुरुषार्थ के बल पर शून्य से सफलता के सर्वोच्च शिखर में पहुंचे, बाराकोट ब्लाक के रेगड़ू गाँव निवासी,चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के जनरल सेक्रेटरी एवं सीईओ डॉ रंजीत मेहता पर्वतीय क्षेत्रो में औषधीय गुणो एवं पौष्टिक उत्पादो को वैश्विक पटल में ले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं।
पहाड़ की समृद्ध कृषि परम्पपरागत विरासत को विदेशियों के भोजन की थाली में अब चंपावत जिले में पैदा होने वाला लाल चावल भी महकेगा| डॉ मेहता का कहना है कि जब अमेरिका के लोगों को यहां के लाल चावल, मिलेट्स, वह हल्दी का स्वाद चखाया गया तो वहां इसकी व्यापक मांग होने लगी| अब भारत सरकार ने हल्दी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हल्दी बोर्ड का भी गठन किया है|पर्वतीय क्षेत्र में हल्दी,मिलेट्स व लाल चावल का उत्पादन और बढ़ाया जा सकता है| इससे किसानों की आर्थिकी और मजबूत होगी| उत्तराखंड में उत्पादित हल्दी तो वैसे भी औषधीय गुणो से भरपूर होती हैं |इसका उत्पादन बढाये जाने से इसे जंगली जानवर भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
पहाड़ की हल्दी होती है घर का डॉक्टर – डॉ आनंद सिंह
लोहाघाट |जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद सिंह का कहना है कि हल्दी बोर्ड बनने से यहां की जैविक हल्दी को अच्छा बाजार मिलेगा| हल्दी में एंटी फंगल,एंटी सेरेलिक होने के साथ इसमें वर्कमिन तत्व होने से यह कैंसर रोधी, त्वचा में रंगत लाने वाला आतो में कैंसर से बचाव, घाव भरने की क्षमता जैसे तमाम ऐसे गुण हैं साथ ही यह मांगलिक कार्यों में प्रयोग की जाती है तथा भगवान को भी चढ़ाई जाती है।